आज इन्वर्टर बैटरी का उपयोग इलेक्ट्रिक ग्रिड पर निर्भरता को कम करने और बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। इनवर्टर बैटरी का अपनी पूरी कैपेसिटी पर काम करने के लिए मेंटेनेंस की जरूरत होती है। मेंटेनेंस करने से जानकारी मिलती है कि बैटरी में सही वाटर लेवल हो। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कैसे आप भी अपने इन्वर्टर वाटर का वाटर लेवल चेक कर सकते हैं । उसे सही तरीके से फिल कर सकते हैं ।
इनवर्टर डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिव करंट में कन्वर्ट करते हैं
इनवर्टर डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिव करंट में कन्वर्ट करते हैं और बैटरी में डायरेक्ट करंट स्टोर करते हैं। जहां केमिकल रिएक्शन होती है। समय के साथ इन्फेक्शन में उपयोग किए जाने वाले एसिड कंस्ट्रक्शन कम हो जाता है जिससे बैटरी के अंदर पानी के लेवल में गिरावट आती है। इन बैलेंस इनवर्टर के आउटपुट को कम कर सकता है। इस में रिएक्शन की एफिशिएंसी बनाए रखने के लिए एसिड को बैलेंस करने के लिए पानी मिक्स करना पड़ता है। इनवर्टर कम करने के लिए सल्फ्यूरिक एसिड का उपयोग करते हैं। पानी इस एसिड को पतला करने में मदद करता है जिससे बैटरी की केमिकल प्रोसेस सही तरीके से और एफ्फिसेंटली चलता हैं।
इनवर्टर बैटरी में केवल डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए इसमें H2O का सबसे प्योर फॉर्म में होता है जो आयनो में और मिनरल्स आयरन और मिनरल्स फ्री होता है जो बैटरी की इंटरनल केमिकल कलेक्शन में इंटरवीन कर सकते हैं। नॉर्मल टैप वाटर में ।
इन्वर्टर बैटरी में कब और कितना पानी डाला जाना चाहिए?
इनवर्टर बैटरी में पानी के लेवल को दिखाने के लिए इंडिकेटर के साथ आती है। ग्रीन इंडिकेटर का मतलब होता है पानी का लेवल सही है और रेड इंडिकेटर का मतलब होता है पानी का लेवल कम और इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। पानी का स्तर हमेशा रेड मार्क से ऊपर और ग्रीन मार्क से नीचे होना चाहिए। अगर पानी का लेवल रेड मार्क से नीचे चला जाता है तो बैटरी सही ढंग से काम करने के लिए से तुरंत फिर से भरना चाहिए इसे हरे निशान से ऊपर पानी भरने से एसिड बहुत जल्दी पतला हो सकता है जिससे बैटरी की परफॉर्मेंस इफेक्ट हो सकता है।
ऐसे भरे इन्वर्टर की बैटरी में पानी
बैट्री इंडिकेटर का उपयोग करके जांच करें कि पानी का लेवल रेड मार्क नीचे है या नहीं। किसी दुर्घटना से बचने के लिए इनवर्टर और पावर सॉकेट को बंद कर दे। फिर बैटरी पर लगे वेंट प्लग को हटा दें। इसके बाद बैटरी के हर एक सेल में धीरे-धीरे डिस्टिल्ड वाटर डालने के लिए फ़नल का उपयोग करें। वाटर लेवल इंडिकेटर पर नजर रखें और ग्रीन मार्क पर पहुंचने पर पानी भरना बंद कर दें। फिर से बढ़ाने के बाद वेंट प्लग को सेफ्ली बदले और बैटरी से गिरे पानी को कपड़े से साफ कर दें।