लेमनग्रास की खेती करने का किसान को बहुत फायदे है इससे किसानो कम लागत से ज्यादा मुनाफा होता है। खाली पड़ी जमीन में भी इसकी खेती की जा सकती है जुलाई से सितंबर महीने में इसके बीज लकी बुआई का समय होता है। इसका तेल 3 से 4000 हजार रुपए लीटर मिलता है। झारखंड के कुछ किसान पिछले कुछ सालों से लेमन ग्रास की खेती करने से किसानों की आय में बढ़ोतरी होती है और लेमनग्रास मुख्य तौर पर राज्य की खूंटी और गुमला जिला में हो रहा है।
इन्ही खाली पड़ी जमीनों का भी इस्तेमाल हो जाता है
इसके अलावा सिमडेगा ,लातेहार और लोहरदगा में भी इसकी खेती की जा रही है। लेमनग्रास का तेल निकाला जाता है जिसका इस्तेमाल दवाओं सहित अन्य रोगों में किया जाता है। जीएसएलपीएस द्वारा बताया गयाआंकड़ों के मुताबिक जेएसएलपीएस से जुड़ी 16000 महिलाएं से खेती से जुड़ी है। यह 16 राज्य के 16 प्रखंड में हो रहा है। लेमनग्रास की खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है की इसकी खेती के लिए बहुत कम पानी की जरूरत होती है। इसलिए झारखंड के लिहाज से बेहतर है क्योंकि सिंचाई के लिए समस्या किसानों के अक्सर होती है। लेमनग्रास की खेती के बंजर जमीनों पर भी की जाती है। इसलिए किसान ऐसी जमीनों पर भी की खेती कर सकते है जो खाली पड़ी रहती है इन्ही खाली पड़ी जमीनों का भी इस्तेमाल हो जाता है।
बाद तीन से चार साल तक इसकी कटाई होती है
लेमनग्रास के पौधे सिर्फ एक बार लगाने होते हैं। इसके बाद तीन से चार साल तक इसकी कटाई होती है । इसे लगाने के लिए सिर्फ एक बार मेहनत करनी होती है । इसके साथ इसके पौधे में कीट और बीमारियों का प्रभाव नहीं होता। मवेशी भी इसे खाते नहीं है। खरीदने के लिए इसके पौधे खरीदने होंगे लगभग ₹1 प्रति पौधे के हिसाब से झारखंड में इसकी पौध मिल जाती है। इसके अलावा लखनऊ स्थित CMAP से लेमन ग्रास की बढ़िया वैरायटी के पौधे खरीद सकते हैं ।
खुदरा मार्केट में ₹40 किलोग्राम की दर से लेमनग्रास के पौधे बिकते हैं
झारखंड में फिलहाल सिर्फ जैएसएसपीएस द्वारा लगभग 14 से 1 00 एकड़ जमीन की बीच की खेती की जा रही है। लेमनग्रास के पौधे से 1 फीट दूरी पर एक लाइन में लगाया जाता और एक लाइन की दूरी कम से कम डेट फिट की रखनी चाहिए। क्योंकि बाद में पौधा फैलता है। जुलाई से लेकर सितंबर तक तक इसे लगाने का समय होता है। लेमनग्रास की खेती में लागत कम होती है और ज्यादा मुनाफा आता है। एक एकड़ में लेमनग्रास की खेती करने से लगभग 25000 रुपए लागत आती है। 4 महीने बाद जब लेमन ग्रास तैयार हो जाता है तो इसकी कीमत 90 हजार हो जाती है। इसमें किसानों को एक एकड़ में 80 से 90 हजार रुपए की बचत नहीं जल जाती है। इसके अलावा खुदरा मार्केट में ₹40 किलोग्राम की दर से लेमनग्रास के पौधे बिकते हैं।