अक्सर देखा जाता है कि आप किसी बीमारी को लेकर डॉक्टर के पास जाते सबसे पहले हमारा ब्लड प्रेशर चेक करता है। वर्तमान समय में हाइपरटेंशन की समस्या देखने को मिल रही है। कई लोगों की समस्या को बड़े ही सामान्य तौर पर लेते है। सारी दुनिया अंदाजा भी नहीं है कि यह कितनी खतरनाक बीमार हो सकती है। हाइपरटेंशन साइलेंट किलर है जो व्यक्ति को शरीर को अंदर ही अंदर काफी नुकसान पहुंचा सकता है। पहले यह समस्या बढ़ती उम्र में परेशान करती थी वहीं अब कम उम्र के लोग भी तेजी से इसका शिकार हो रहे हैं। भाग दौड़ वाली जिंदगी में घर हो या बाहर चिंतापरेशानी और गुस्सा हमारे दिल दिमाग व शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित कर रहा है। यही कारण की पूरी दुनिया में लोग हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप की समस्या से ग्रसित हो रहे हैं। यहांअहम आपको कुछ टिप्स दे रहे है जिनकी मदद से से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रख सकते हैं।
इन कारणों से बढ़ रहा है हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान ,तंबाकू का सेवन खाने में अधिक नमक का सेवन ,शारीरिक गतिविधि की कमी ,अधिक वजन ,तला आहार फल और सब्जियों का कम सेवन और तनाव जैसे मुख्य कई कारण है। इसके चलते हाइपरटेंशन की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है।
लक्षण
सर दर्द होना , ज्यादा तनाव , सीने में दर्द या भारीपन ,सांस लेने में परेशानी , अचानक ,घबराहट ,हाथ पेरो में सुन्नपन , बोलने में कठिनाई ,चेहरे या बाहर या पैरों में अचानक कमजोरी धुंधला दिखाई देना और अनिंद्रा जैसे लक्षण महसूस होते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर से आंखों की समस्या हो सकती है। रोगी को आंखों की रोशनी कम होने लगती है उसे धुंधला दिखाई देने लगता है। इसलिए ब्लड प्रेशर की समस्या में आंखों की नियमित जांच की सलाह दी जाती है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की रक्त में वाहिकाएं ,संकरी मोटी हो सकतीहै। किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है। वह खून में दूषित पदार्थ जमा होने लगते हैं। हाई ब्लड प्रेशर में सबसे ज्यादा खतरा हृदय का होता है। ब ह्वदय को संकरी या सख्त हो चुकी रक्त वाहिकाओं के कारण पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिलता तो सीने में दर्द हो सकता है। ऐसे में अगर खून का बहाव रुक जाएगा तो हार्ट अटैक भी हो सकता ह। मस्तिष्क पर असर हाई ब्लड प्रेशर में रोगी की याददाश्त पर असर हो सकता है जिसे डाइमेंसिया कहते हैं। इससे रोगी के मस्तिष्क में खून की आपूर्ति और कम हो जाती है सोचने समझने की शक्ति घटती जाती है ब्लड प्रेशर की अधिक बढ़ने से की दिमाग में खून की नालियां फट जाती है जिससे लकवा की शिकायत हो सकती है ,
स्वस्थ आहार ले
डैश आहार पैटर्न उच्च रक्तचाप को रोकने औरप्रबंधित करने में मदद करता है। आहार के दृष्टिकोण से उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए बेस्ट डाइट सर्वोत्तम है। यह फलों ,सब्जियों कम वसावाले डेयरी खाद्य पदार्थ , मध्यम मात्रा में साबुत अनाज ,मछली , मुर्गी और नट्स पर केंद्रित होता है। इसमें वसा रहित या कम वसा वाले डेयरी उत्पाद मछली मुर्गी , नट्स , बींस औरशामिल है। इस डाइट में नमक की मात्रा ज्यादा होने वाले खाद्य पदार्थों को सीमित किया जाता है जिन्हें सोडियम भी कहते हैं। जो लोग शाकाहारी है वह मछली और प्रोटीन को छोड़कर प्रोटीन के लिए दाल और सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं। फल और सब्जियां पोटेशियम की आपूर्ति करती है। जो रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।
रोज एक्सरसाइज करे
व्यायाम न सिर्फ बीपी को कंट्रोल करता है कि कोई बीमारियों को शरीर से दूर रखने में मदद करता है। हाइपरटेंशन के मरीज को रोजाना कोई ना कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूर करनी चाहिए। आपको हर सप्ताह एक घंटा 15 मिनट की इंटेंस एक्सरसाइज करनी चाहिए जैसे एरोबिक, तेज वॉकिंग ,जॉगिंग करना ।
वजन को कम करना
यदि आपका बीएमआई 20 से 25 के बीचतो का वजन बिल्कुल सही है। लेकिन अगर यह इससे अधिक है तो आपको अपना रक्तचाप कम करने के लिए अपना वजन कम करना होगा। एक किलो तक वजन कम करने से आपका रक्तचाप एक पॉइंट तक कम हो सकता है।
तनाव से दूर रहें
तनाव जीवन का हिस्सा है, भले फिर यह तनाव काम का हो, पारिवारिक तनाव हो या वित्तीय तनाव हो। लेकिन हर समय तनाव में रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि तनाव रक्तचाप को बढ़ा सकता है