नॉर्मल दिखने वाली ये बिमारी प्रेग्नेंसी में ले सकती है माँ और बच्चे की जान ,यहां जाने कैसे

Saroj Kanwar
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प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अपना खास ध्यान रखने की सलाह दे जाती है। क्योंकि अगर इस समय कोई समस्या हुई तो मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता हैं। प्रेगनेंसी में हाई बीपी होना आम बात है इसे जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन के नाम से जाना जाता है । फैमिली डॉक्‍टर डॉट ओआरजी के अनुसार ,कुछ मामलो में गर्भावस्था के दौरान हाई बीपी आपके और आपके बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। आपको जेस्‍टेशनल डायबिटीज हो सकता हैआपको हार्ट या गुर्दे से जुड़ी समस्या हो सकती है।

आज हम आपको बताते है की प्रेग्नेंसी में हाई बीपी से होने पर क्‍या-क्‍या परेशानियां हो सकती हैं। कौनसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकते हाई प्लेन सेंटर पर असर हाई ब्लड प्रेशर प्लेन सट्टा का प्राप्त खून प्राप्त करने से रोक सकते हैं ।

प्लेसेंटा पर असर

हाई ब्‍लड प्रेशर प्लेसेंटा को पर्याप्त खून प्राप्त करने से रोक सकता है। यदि प्लेसेंटा को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता। तो इस स्थिति में बच्चों को पर्याप्त ऑक्सीजन और भोजन नहीं मिल पाता। इसलिए लो बर्थ वेट या प्री मेच्योर डिलीवरी होने का खतरा रहता है। हाई बीपी प्लेसनेटल से अबॉर्शन का कारण भी बन सकते हैं। यह तब होता है जबजब प्लेसेंटा गर्भाशय से अलग हो जाता है। यह आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

हाई बीपी होने पर क्या होता है

नेशनल लाइब्रेरी आफ मेडिसिन में प्रकाशित ,एक स्टडी में बताया गया की प्रेगनेंसी में गंभीर रूप से हाई बीपी होने पर मां को मां को कार्डियक फेलियर, हार्ट अटैक, रेनाल फेलियर और सेरेब्रल वस्‍कुलर एक्‍सीडेंट होने का खतरा रहता है। इसके साथ ही भ्रूण को प्लेसेंटा ऑक्सीजन न मिल पाने ,ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन ,प्रीटर्म बिरहत स्टील भारत और नवजात शिशु की मृत्यु होने का खतरा रहता है।

प्रेगनेंसी दौरान औरतों का मृत्यु का एक प्रमुख कारण प्रेगनेंसी में होने वाला हाइपरटेंशन भी है। इथियोपियाई जनसांख्यिकी स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार के प्रति 100000 जीवित शिशुओं पर 412 औरतों की मृत्यु हुई है। गर्भावस्था में होने वाले हाई बीपी नाम इस मातृ मृत्यु में बड़ी भूमिका निभाई है। इथियोपिया में mrityu दर पर किए गए कारणों पर किये गए एक समीक्षा पर अध्ययन से संकेत दिया 1980 और 2012 के बीच उच्च रक्त का संबंधी विकारो केइथियोपिया अनुपात 4 से 29% बढ़ रहा है।

कैसे करे इलाज

रिपोर्ट के अनुसार ,डॉक्टर आपको घर पर ही अपने ब्लडप्रेशर को मॉनिटर करने के लिए कह सकते हैं ,बीपी को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर दवा देंगे ,इसके इलाज में बीपी को बढ़ने से रोकना और इसे कोई कॉम्प्लिकेशन पैदा करने से रोकना होता है।

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