हम अपने आहार में क्या खाते हैं इसका असर हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता हैं। इसलिए पोषण विशेष्ज्ञ कहते हैं कि अपने आहार में सब कुछ शामिल करें जो आपके शरीर को चाहिए। इससे शरीर मजबूत और स्वस्थ रहेगा। लेकिन अस्वस्थ जीवन शैली हमारे दैनिक आहार को प्रभावित करती है । अक्सर हम ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं जिसके कारण हम कई बीमारियों को न्यौता देते हैं।
वह अस्पताल हमारे पीछे पड़ जाता है। कुछ गंभीर मामलों में कड़वी दवाई ,इंजेक्शनों और यहां तक कि सर्जरी की भी आवश्यकता होती है। अगर आप इन सबसे से खुद को बचाना चाहते हैं तो अपने घर में कुछ जंगली सब्जियों को शामिल करें। आज हम आपको बताते हैं जंगली सब्जियों के बारे में जो बरसात के मौसम में जरूर मिलती है जो दवाइयां से भी ज्यादा असरदार होती है।
गुलवेल
गुलवेल पेड़ों या बाड़ो पर उगता है। इस सब्जी को अमृतबेल या अमृतवल्ली के नाम से जानते हैं। सब्जी डायबिटीज ,पीलिया ,सर्दी , खांसी ,बुखार जैसी कोई बीमारी में कारगर है साथ ही पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और भूख बढ़ाने के लिए भी सब्जी का सेवन फायदेमंद होता है।
करौंदा
पहाड़ी इलाकों में पाई जाने वाली जंगली सब्जी को कुछ क्षेत्रों में ‘कंटोली ‘ भी कहते हैं। ये जंगली सब्जी दिखने में कांटेदार और आकार में बहुत छोटी होती है हालांकि सब्जी की आयुर्वेदिकगुण कई समस्याओ को प्रभावित ढंग से काम करते हैं। इस सब्जी का सेवन करने से सर दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा इस सब्जी के सेवन से खून में शुगर की मात्रा भी कम हो जाती है। इसलिए सब्जी मधुमेह रोकने के लिए वरदान है।
आघाडा
आघाडा एक जंगली सब्जी जो बंजर भूमि जंगलों में उगती है। इस सब्जी का पत्ति,यां फल और जड़ें बहुत फायदेमंद है। इस सब्जी को खाने से पेशाब साफ होता है। किडनी में पथरी होने का खतरा नहीं रहता है इसके अलावा यह वात, हृदय रोग, बवासीर जैसी बीमारियों में भी कारगर है।
टकला
टकला एक ऐसी सब्जी जो बरसात के मौसम में बाजार में जरूर मिलती है। यह सब्जी पडिक और बंजर भूमि में होती है । यह थोड़ी चिकनी सब्जी अत्यधिक पौष्टिक होती है । इसमें ऐसे तत्व होते है जो एक्जिमा, एलर्जी, सोरायसिस, स्केबीज जैसे त्वचा विकारों से राहत दिलाते हैं। इसके अलावा यह सब्जी पेट के कीड़े, बुखार, हृदय विकार, श्वास नली की रुकावट पर भी असरदार है।