बैंक से पैसे निकालने की लिमिट हुयी तय ,नहीं माना इन नियमो को तो आ जाओगे आयकर विभाग की नजरो में

Saroj Kanwar
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आज के समय में हर व्यक्ति के पास बचत खाता होना आवश्यक हो गया है इससे हम अपनी आर्थिक ज़रूरतें को आसानी से पूरा कर पाते हैं अपने बचत को सुरक्षित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यह बचत खाते में पैसा जमा करने और निकालने की भी कुछ नियम है। इन नियमों को इतना ना जांनने और उनका पालन न करने से पर आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है । यहां जानते इन नियमो के बारे में विस्तार से।

दैनिक जमा सीमा और पैन कार्ड की आवश्यकता

बचत खाते में पैसा जमा करते समय आपको कुछ सीमाओं का ध्यान रखना था। अगर आप एक दिन में ₹50000 रूपये से अधिक की राशि जमा करते हैं तो आपको अपना पैन कार्ड नंबर अनिवार्य होता है। यदि आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो आप फॉर्म 60 या फॉर्म 61 भरकर भरकर भी इस आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं । ये नियम बैंकिंग पारदर्शिता और अवैध धन परवाह को रोकने के लिए बनाया गया है।

वार्षिक जमा सीमा और आयकर विभाग को सूचना

आप अपने बचत खाते में एक और वित्तीय में जितना चाहे उतना पैसा जमा कर सकते है। हालाँकि अगर आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक की राशि जमा करते हैं, तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को देता है। इस स्थिति में आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है इसमें आपसे इस राशि के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी जा सकती है। अगर आप इस नोटिस को सही ढंग से जवाब नहीं देते हैं तो आप पर जुर्माना लग सकता है या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

नकद लेनदेन की सीमाएं

आयकर अधिनियम की धारा 269ST के अनुसार 1 दिन में ₹200000 से अधिक का नगद लेनदेन करना प्रतिबंधित है। यह सीमा एक ही व्यक्ति या संस्था के साथ किए गए सभी लेनदेन पर लागू होती है। चाहे वह एक बार में हो या कई बार में। इसका मतलब है कि आप एक दिन में किसी एक व्यक्ति या संस्था से दो लाख रुपए से अधिक का नगद लेनदेन नहीं कर सकते हैं ये नियम बड़े लेनदेन पर नजर रखने और कर चोरी को रोकने के लिए बनाया गया है। अगर आप इस नियम का उल्लंघन करते हैं तो आपको आय विभाग से नोटिस मिल सकता है और आप पर जुर्माना लग सकता है।

धनके की स्रोत की जानकारी का महत्व

बचत खाते में बड़ी राशि जमा करते समय आपको धन के स्रोत की जानकारी देना आवश्यक होता है। यह जानकारी आयकर विभाग आपको यह समझने में मदद करती है कि आपने यह पैसा कहां से प्राप्त किया है और इस पर उचित कर का भुगतान किया गया है। अगर आप अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करते हैं तो इससे के स्रोत का उचित प्रमाण नहीं दे पाते हैं तो आयकर विभाग के लिए जांच का विषय हो सकता है।

आयकर विभाग नोटिस मिलने पर क्या करें

अगर आपको आयकर विभाग नोटिस मिलता है तो घबराने की जरूरत नहीं है। आपको नोटिस का जवाब समय पर और सटीक जानकारी के साथ देना चाहिए। आप सभी बैंक लेनदेन का विवरण और धन की स्त्रोत का प्रमाण प्रस्तुत करें। अगर आपको नोटिस का जवाब देने में कोई समस्या आती है तो एक चार्टर्ड अकाउंट से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है। याद रखें सही और सटीक जानकारी आपके हित में है। अगर आप नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो यह गलत जानकारी देते हैं तो आप पर जुर्माना लग सकता है या अन्य कानूनी कार्रवाई हो सकती है।


बैंक की रिपोर्टिंग प्रक्रिया


सभी बैंक अपने ग्राहकों के बड़े लेन-देन की सूचना आयकर विभाग को देते हैं। यह रिपोर्टिंग वित्तीय वर्ष में किए गए कुल लेन-देन के आधार पर होती है। अगर आप एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा करते हैं, तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को अवश्य देगा। इसलिए, अपने लेन-देन के बारे में पारदर्शी रहना और सभी आवश्यक दस्तावेज रखना महत्वपूर्ण है।

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