इस समय गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। इसी बीच अनियमित मौसम और किसमो की मांग को देखते हुए सरकार ने खरीद गेहूं खरीद के नियमों में बदलाव करते हुए किसानों को छूट दी है ताकि उन्हें इसका लाभ मिल सके। इस बार मौसम की मार के कारण किसानों की गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। कहीं भीषण गर्मी के प्रकोप से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है तो कहीं बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की खड़ी गेहूं की फसल खराब हुई है जैसा बचा हुआ गेहूं है जिसे भी सरकारी खरीद के नियमों के कारण MSP पर किसान बेच नहीं पा रहे हैं।
एमएसपी पर फसल बेचने के लिए इसके निर्धारित नियमों का पालन करना जरूरी होता है
क्योंकि एमएसपी पर फसल बेचने के लिए इसके निर्धारित नियमों का पालन करना जरूरी होता है जबकि इस बार भी मौसम में बारिश में बढ़ते तापमान से गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। इससे यह उनके दोनों में नमी, कम चमकदार, सूखा दाना जैसी समस्याएं सामने आई हैं। इसके कारण किसानों के लिए MSP पर गेहूं बेचना एक चुनौती बना हुआ है। ऐसे में सरकार ने किसानों की समस्या को समझते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं क्रय करने और संबंधित नियमों के बदलाव करते हुए किसानों को कुछ छूट दी है ताकि वह अपना गेहूं सरकार को बेचकर लाभ प्राप्त कर सके।
सरकार ने 320 लाख मीट्रिक टन गेहूं को msp पर खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है
आपको बता दें की इस बार सरकार ने 320 लाख मीट्रिक टन गेहूं को msp पर खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन msp नियमों के कारण सरकारी खरीद की गति धीमी हो गई है। इसमें सरकार की ओर से किसानों को गेहूं बेचने की संबंध में नियमों की छूट दी जा रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने को लेकर सरकार की ओर से नियम निर्धारित किए गए हैं। उन्हें नियमों के अनुसार msp पर गेहूं की खरीद की जाती है। यह नियम गेहूं में नमी , मात्रा गेहूं के दोनों की चमक , गेहूं का सिकुड़ा हुआ या दानो का टूटना , गेहूं की फसल के साथ दूसरी फसल के दानो की मात्रा को लेकर तय किए गए हैं जो इस प्रकार से है।
दूसरी फसल के दानो की मात्रा को लेकर तय किए गए हैं जो इस प्रकार से है
सरकारी अनाज एजेंसी एफसीआई ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए नमि की मात्रा 12 से 14% तक निर्धारित की गई। इससे अधिक नहीं होने पर किसानों से गेहूं की खरीद नहीं होती।
एक क्विंटल गेहूं की फसल में 6 फीसदी फसल में सिकुड़े या टूटे गेहूं के दाने की मात्रा निर्धारित की गई है। इससे अधिक सिकुड़े या टूटे गेहूं की दाने होने पर खरीद नहीं की जाती है।
msp पर विक्रय के लिए आये गेहूं में दूसरेअनाजों की मात्रा 0.75 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा है तो किसान से गेहूं की खरीद नहीं की जाती है। गेहूं की चमक को लेकर भी नियम बनाया हुआ इससे गेहूं में की चमक 90 फ़ीसदी होने पर पूरा msp देने का प्रावधान है। यदि गेहूं में चमक इससे कम है तो इसका कम भाव मिलेगा या खरीद नहीं की जाएगी।
अब नियमो में किया गया ये बदलाव
मध्य प्रदेश किसानों की समस्या को समझते सरकार ने सिकुड़ने की मात्रा को 6% से बढ़कर 15% तक कर दिया यानी एक किवंटल गेहूं में यदि सिकुड़े हुए दानो की मात्रा 15% है तो भी किसानों से गेहूं की खरीद की जाएगी । इसका पूरा msp दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश में कि गेहूं की चमक 50 फीसदी तक रखी गई है अब कम चमक वाला गेहूं भी पूरी msp पर खरीदा जाएगा।
राजस्थान में 20% सिकुड़े दाने की मात्रा होने पर गेहूं की msp पर खरीदी की छूट दी गई है जबकि टूटे दानो की मात्रा 6 फीसदी रखी गई है ।
राजस्थान में गेहूं चमक 70% निर्धारित की गई है ऐसे राजस्थान में 70 फ़ीसदी चमक वाले गेहूं को भी पूरे मस्प पर खरीदा जाएगा।
उपरोक्त बदलाव का लाभ मध्य प्रदेश व राजस्थान के किसानों को मिलेगा। क्योंकि यहां बे मौसम बारिश ओलावृष्टि में तेज बरसात तापमान से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में दोनों ही राज्यों में msp में छूट देकर किसानों को लाभान्वित किया जायेगा ।
केंद्र सरकार की ओर से इस साल के लिए गेहूं की msp 2275 घोषित किया गया। इस पर राज्य सरकार की ओर से 125 रुपए का बोनस किसानों को दिया जा रहा है। बोनस राजस्थान मध्य प्रदेश सरकार की ओर से वहां के किसानों को दिया जा रहा है ऐसे में इन दोनों राज्यों में किसानों को 2400 प्रति क्विंटल के दर से गेहूं की खरीद की जा रही है। आपको बता दे की दोनों ही राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को ₹2700 की दर से गेहूं की खरीद का वादा किया गया था लेकिन किसानों को₹2400 की दर से गेहूं की खरीद की जा रही है।