राजस्थान शिक्षा विभाग के ताजे निर्णयों ने प्रदेश के अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच असमंजस पैदा कर दिया है। जैसे सर्दी बढ़ने लगी है, राज्य सरकार शीतकालीन अवकाश की घोषणा के लिए तैयार है, लेकिन अर्धवार्षिक परीक्षा की नई तारीखों ने इस विषय पर असमंजस को और बढ़ा दिया है।
14 से 24 दिसंबर तक अर्धवार्षिक परीक्षा को तारीख तय की गई है
14 से 24 दिसंबर तक अर्धवार्षिक परीक्षा को तारीख तय की गई है उसके बारे में शिक्षा विभाग की ओर सभी को स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया। इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों की छुट्टी की योजना प्रभावित हो रही है। शिक्षा मंत्री के पूर्व बयानों ने स्थिति को और जटिल बना दिया है राजस्थान में सरकारी योजना की परीक्षा पहले 17 से 27 दिसंबर तक निर्धारित थी लेकिन अभी 14 फरवरी से 24 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी। इस बदलाव से शीतकालीन अवकाश के पर भी अनिश्चितता बढ़ गई है। अभिभावकों को और शिक्षकों की चिंता यह है की यदि परीक्षा से की समाप्ति 24 दिसंबर तो होती है तो शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर शुरू हो सकता है हालांकि इस पर विभाग की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई हैजिसे सभी को असमंजस का सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बयान दिया था कि शीतकालीन अवकाश ठंडी के आधार पर तय किया जाएगा। इस ब्यान ने और अधिक गर्म भ्र्म पैदा किया क्योंकि जब तक तापमान ठंड नहीं होगा तब तक छुट्टियों की घोषणा नहीं की जाएगी। यह स्थिति अभिभावक और शिक्षकों के लिए कठिनाई का कारण बन रही है क्योंकि वह छुट्टियों की योजना बनाना चाहते हैं लेकिन कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है।
शिक्षक संगठन की शीतकालीन अवकाश पर स्पष्टता की मांग
शिक्षक संगठन भी शीतकालीन अवकाश को लेकर अधिक स्पष्टता की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि शीतकालीन अवकाश के दौरान परीक्षा का आयोजन असंवेदनशील है, खासकर तब जब परीक्षा के बाद अवकाश की तारीखों पर कोई आदेश जारी न हुआ हो। शिक्षा विभाग के कैलेंडर के अनुसार, शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक होना चाहिए था, लेकिन परीक्षा की तिथियों में बदलाव के बाद इस पर संशय बना हुआ है।
शीतकालीन अवकाश के बारे में भविष्य क्या कहता है?
अगर 24 दिसंबर तक परीक्षा पूरी होती है, तो शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर से शुरू हो सकता है, जैसा कि पहले आम तौर पर होता था। हालांकि, अधिक सर्दी होने की स्थिति में अवकाश को कुछ दिन बढ़ाया भी जा सकता है। शिक्षक संगठन और अभिभावक शिक्षा विभाग से जल्दी निर्णय लेने की अपेक्षा कर रहे हैं, ताकि वे छुट्टियों के दौरान अन्य योजनाएं बना सकें।