गर्मी का मौसम आते ही अरहर समेत सभी दाल की कीमत आसमान छूनेलगी है पिछले 20 दिनों दालों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं।मई के महीने में रिटेल में ₹180 किलोग्राम ₹220 प्रति किलो उड़द की और चने चन की दाल की कीमत में तेजी आई है। चना दाल के भाव में ₹10 से अधिक की वृद्धि हुई है।
गर्मियों में सब्जी की उपलब्धता कम हो जाती है
एक व्यापारीमोहित अरोरा का कहना है की गर्मियों में सब्जी की उपलब्धता कम हो जाती है जिसके कारण लोग दाल काअधिक सेवन करने लगते है। महंगी लिए महंगी सब्जी केविकल्प में लोग दाल का उपयोग ज्यादा करते हैं। इसी वजह से बीते महीने दाल की मांग में इजाफा हुआ है। दालों के उत्पादन में कमी और बढ़ती मांग ने इनकी कीमत में उछाल दिया है ।
अरहर और चना की दाल मांग सबसे अधिक है
दाल मंडी के व्यापारियों कहना क्या स्थिति है जब मई जून में सहागल नहीं होता। वर्तमान में अरहर और चना की दाल मांग सबसे अधिक है जिससे इन दोनों की उनकी कीमत बढ़ी है । इसके साथ ही सरसों के तेल के भाव में ₹15 लीटर की तेजी हुयी है रिफाइंड तेल महंगा हो गया। इस बार आपूर्ति की कमी से दालों कीकीमते बढ़ी मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने और बीते दो-तीन सालों में कम पैदावार के कारण पुराने स्टॉक में खत्म हो चुके हैं।
अरहर की मांग पिछले 20 साल में सालों में बढ़ी है
खैरपुर निवासी चौधरी निरंकार सिंह का कहना है की अरहर की मांग पिछले 20 साल में सालों में बढ़ी है और उत्पादन कम हुआ है। किसानों ने इसकी बुआई कम कर दी। पहले मूंग और उड़द की खेतो की मेड के लिए कितने की मेड़ पर अरहर की बुवाई की जाती थी जिसे जानवरों का पेट भर जाता था फसल नष्ट नहीं होती थी लेकिन अरहर हर की फसल मैं अन्य दालों की अपेक्षा ज्यादा समय लगता है जिससे किसान इसकी खेती कम करने लगे हैं।