Property Document : रजिस्ट्री होने के बाद भी जमीन नहीं होंगी आपके नाम ,प्रॉपर्टी को अपने नाम करने के लिए ये काम करना जरूरी

Saroj Kanwar
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जब कोई संपत्ति खरीदने के बारे में प्लान किया जाए तो जरूरी है की पूरी तरह से इसकी स्थिति का मूल्यांकन करें और हर जरूरी कागजात के बारे में जाने। किसी प्रॉपर्टी को सटीक जांच करना भविष्य में कई विवादों को बचाता है। किसी भी संपत्ति को खरीदते समय ध्यान रखें कि सभी का कागजात और स्वामित्व स्पष्ट हों और किसी भी प्रकार का संदेह न हो। संपत्ति के अधिकार को प्रमाणित करने के लिए रजिस्ट्री एक अहम दस्तावेज है। लेकिन इसके अलावा भी और दस्तावेज है जैसे जरूरी होता है।

प्रॉपर्टी का नामांतरण है जरूर

रजिस्ट्री भले ही किसी संपत्ति के अधिकारी को प्रमाणित करने महत्वपूर्ण दस्तावेज हो। लेकिन यह अकेले मालिकाना हक सुनिश्चित नहीं करता अक्सर लोग रजिस्ट्री के बाद संतुष्ट हो जाते हैं और सबसे अहम् माना जाता है हालांकि ,संपत्ति की सही स्वामित्व पर प्रक्रिया नहीं में नाम परिवर्तन भी उतना ही महत्वपूर्ण है इस म्यूटेशन कहा जाता है और इसमें निश्चित करता है कि नाम सही तरीके संपत्ति के दस्तावेजों में दर्ज हो। केवल रजिस्ट्री से सब कुछ समाप्त नहीं होता ,म्यूटेशन में जरूरी होता है। म्यूटेशन को नामांतरण कहा जाता है।

विवादों से बचने के लिए यह काम करना जरूरी


अगर आप सोचते हैं की रजिस्ट्री से संपत्ति आपकी हो जाएगी तो यह गलत है भविष्य में किसी परेशानी से बचने के लिए जरूरी है कि आप संपत्ति का नाम परिवर्तन या म्यूटेशन सुनिश्चित करें। सिर्फ बिक्री प्रमाण पत्र से नाम परिवर्तन नहीं होता है। इसके लिए आपको संबंधित अधिकारी से आवश्यक प्रक्रिया पूरी करनी होती ताकि संपत्ति का सही तरीके से स्वामित्व आपका नाम पर दर्ज हो सके। केवल कागजात ही नहीं बल्कि सभी कानूनी कदमों का पालन करना जरूरी है कि भविष्य में कोई समस्या ना हो । इस प्रक्रिया में थोड़ी सी सतर्कता कई मुश्किलों से बचा सकती है। यह भी सुनिश्चित करें कि सभी कानूनी पहलुओं को ठीक से जांच हो ताकि भविष्य में कोई विवाद ना हो।

प्रोपर्टी खरीदते समय ऐसे बचें धोखाधड़ी से-

नाम परिवर्तन और बिक्री प्रमाण पत्र यानी सेल डीड अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं है लेकिन लोग अक्सर इन्हे एक ही समझ लेते हैं। रजिस्ट्री करवा लेने संपत्ति का स्वामित्व नहीं बदलता जब तक नाम परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी नहीं होती संपत्ति किसी के नाम पर नहीं मानी जाती भले ही रजिस्ट्री हो चुकी है। यह इसलिए क्योंकि नामांतरण किसी दूसरे व्यक्ति के पास होता है और इस प्रक्रिया के बिना संपत्ति का वास्तविक स्वामित्व नहीं माना जाता है इसलिए संपत्ति खरीदने समय सिर्फ रजिस्ट्री पर ध्यान देने से ही काम नहीं चलता।

कई बार छोटी सी लापरवाही लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना देती है। इ ऐसे में जब कोई संपत्ति खरीदते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। संपत्ति के सभी कागजात की सही तरीके से जांच करनाहै की महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई कानूनी समस्या ना हो और आप सही तरीके से खरीदारी कर सके।

अचल संपत्ति मुख्य रूप से तीन श्रेणी बांटी जाती है। पहली कृषि उपयोग वाली भूमि , दूसरी आवासीय संपत्ति और तीसरी औद्योगिक भूमि। इन तीनों प्रकार की संपत्तियों का नाम परिवर्तन अलग-अलग तरीकों से किया जाता है प्रत्येक स्थान पर अलग-अलग प्रक्रिया बनाई जाती है।

नामांतरण करने का तरीका

जब किसी संपत्ति को बिक्री दस्तावेज के जरिए खरीदा जाता है या अन्य किसी तरीके से प्राप्त किया जाता है, तो संबंधित दस्तावेज को लेकर उस संपत्ति के नाम परिवर्तन के लिए संबंधित विभाग में जाना चाहिए। नामांतरण प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि संपत्ति का स्वामित्व सही व्यक्ति के नाम पर दर्ज हो और भविष्य में कोई कानूनी समस्या न हो।

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