तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले जिस फाइल पर साइन किये वह पीएम किसान सम्मान निधि योजना की क़िस्त से जुड़ी हुई थी। इस फाइल की साइन होने के बाद कर्नाटक में भी किसानों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने भी प्रदेश के 17.09 लाख से अधिक छोटे किसानों खाते में 3-3 हजार रुपए जारी करने का फैसला किया है। आपको बता दें की पिछले साल राज्य में सूखा पड़ा था इससे किसानों को नुकसान हुआ था। ऐसे में किसानों की आर्थिक सहायता प्रदान के लिए राज्य सरकार छोटे किसानों को ₹3000 की राशि जारी करेगी। राज्य के छोटे किसानों के लिए एक मुआवजा होगा।
इसके तहत राज्यों को हर साल ₹6000 की आर्थिक सहायता उनके खाते में सीधी भेजी जाती है
आपको बता दें कि राज्य किसानों को पीएम किसान योजना के तहत पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्रदान किए जाते हैं। इसके तहत राज्यों को हर साल ₹6000 की आर्थिक सहायता उनके खाते में सीधी भेजी जाती है। इसी के साथ यहां के किसानों को सूखे का मुआवजा भी जारी किया जाएगा। राज्य के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने मीडिया से कहा कि ,लाभार्थी किसान की सूची तैयार की जा रही है। यह मुआवजा होगा। उन्होंने कहा कि बारिश पर निर्भर रहने वाले किसानों और नहरों के अंतिम छोर पर रहने वाले किसानों के लिए मुआवजा दिया जाएगा जहां पानी की सप्लाई खराब है। केबिनेट उप समिति की बैठक में हर किसान को ₹3000 देने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि लोकसभा और विधान परिषद उप चुनाव के लिए आचार संहिता के कारण ये फैसला नहीं ले सकी थी।
इंडिया और एनडीआरएफ की और से 232 करोड़ जारी किये जा रहे है
गोंडा ने बताया कि इंडिया और एनडीआरएफ की और से 232 करोड़ जारी किये जा रहे है जो काफी नहीं है। इसे देखते हुए हमने एसडीआरएफ से 232 करोड रुपए और जोड़े हैं समाज के अलावा राज्य के किसानो को फसल बीमा की राशि दी जाए। उन्होंने का किसानों को अब तक 1654 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। 136 करोड रुपए की राशि अभी भी जारी की जानी है मंत्री ने कहा 1 जून को मानसून आने के बाद राज्य बहुत अधिक बारिश हुई थी। कर्नाटक में पानी का संकट को कम कम हुआ है हमने अधिकारियों को उन जगहों पर जहां बारिश हो रही है वहां पर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
पिछले कुछ दिनों कर्नाटक में अच्छी बारिश हो रही है इससे किसान काफी खुश है।क्योंकि पिछले साल किसानों को भयंकर सूखे का सामना करना पड़ा था। जिससे किसान बुआई नहीं कर पाए थे तो कई किसानों कीफसले खराब हो गई थी। लेकिन इस समय राज्य में बारिश हो रही है और ज्यादा जिलों में औसत से अधिक बारिश हुई ऐसे में यहां किसान को से इस बार फसलों की बुवाई बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
कर्नाटक में किन फसलों की खेती करते हैं किसान
यहां के अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है यहां के तटीय मैदान मेंचावल, ज्वार और रागी की खेती की जाती है। गन्ना यहां की नगदी फसल है । काजू ,इलायची ,सुपारी ,अंगूर की खेती भी की जाती है। इसकी पूर्वी क्षेत्र में सिंचाई गन्ना ,रबड़ और केले ,संतरे की खेती की जा सकती है। यहां की काली मिट्टी में कपास, तिलहन और मूंगफली की फसल अच्छी होती है। यहां के वन क्षेत्र में चंदन के पेड़ अधिक होने से इसका तेल भी निर्यात होता है। इसके अलावा यहां सागौन, शीशम, नीलगिरी, बांस के पेड़ भी अधिक है।