मोतियाबंद की वजह से लोग हो रहे है अंधे ,यहां जाने शुरुआत में ही कैसे करे इसे खत्म

Saroj Kanwar
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मोतिया बंद लोगों के अंधेपन का प्रमुख कारण होने से भारत में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है जिसके परिणाम स्वरुप ना केवल व्यक्तिगत पीड़ा होती है बल्कि बड़े आर्थिक नुकसान और सामाजिक बोझ भी पड़ता है। WHO और नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल आफ ब्लाइंडनेस द्वारा किए गए सर्वेक्षण पता चला है कि देश में 22 मिलियन से अधिक लोग दृष्टि हीन है। इनमे से 80.1% मामलों में मोतियाबिंद होता है।

डॉ. मनदीप सिंह बसु, निदेशक- डॉ. बसु आई हॉस्पिटल के अनुसार ,साल भर में लगभग 3.8 मिलियन लोग मोतियाबिंद के कारण अंधेपन का शिकार होते हैं। मोतियाबिंद एक आम नेत्र विकार है जिसमें लेंस पर धुंधलापन आ जाता है अगर ठीक से इलाज न किया जाए तो दृष्टि गंभीर रूप से खराब हो सकती है।

मोतियाबिंद रोकने का आयुर्वेदिक तरीका

आयुर्वेद में प्राचीन भारत की संपूर्ण उपचार पद्धति ,शरीर के दोषो ,पित्त ,कफ और वाट को संतुलित करके उपचार और स्वास्थ्य को संरक्षित करने पर जोर देती है। आयुर्वेद कहता है की आंखों की कोई भी बीमारी जैसे की मोतियामंद भी इन दोषो के असंतुलन से उत्पन्न होता है। विशेष रूप से पित्त दोष जो आंखों और दृष्टि के लिए जिम्मेदार है । आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार मोतियाबिंद को उचित आहार में सुधार और जीवन शैली में बदलाव की मदद से नियंत्रित तो रोका जा सकता है।

वात को रखे शांत

मोतियाबिंद में आयुर्वेदिक नियंत्रण में दोषो को संतुलित करना महत्वपूर्ण है। आंखों में वात दोष असंतुलित होने पर आंखों में सूखापन और अपक्षयी परिवर्तन का कारण बन सकता है। इसके अलावा शरीर के मेटाबॉलिज्म और परिवर्तन को नियंत्रित करने वाला पित्त दोष , संतुलन से बाहर होने पर सूजन और दृष्टि संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। आंखों के संरचना और लुब्रिकेशन से जुड़ा कफ दोष होने के कारण क्लॉउडी विज़न और आपकी आंखों में पानी आ जाता है और कई बार उनमे जलन संक्रमण हो जाता है।

इन चीजों का करें सेवन

आहार संबंधी सुझाव पित्त को शांत करने पर ध्यान केंद्रित करती है। क्योंकि इसका असंतुलन आमतौर पर मोतियाबिंद से जुड़ा होता है। इसमें खीरे ,खरबूज और डेयरी उत्पादों जैसी ठंडा खाते पदार्थ का सेवन करना और पत्तेदार साग ,फलियां और जो ,चावल जैसे अनाज में पाए जाने वाले मीठे कड़वे और कसेले स्वाद को प्राथमिकता देना शामिल है।

खट्टी चीजों से बचे

मसालेदार ,खट्टे और नमकीन खाध पदार्थ से बचाना महत्वपूर्ण है। जो पित्त को बढ़ा सकते हैं। शरीर को हाइड्रेट रखने की आवश्यक है इसलिए खूब पानी पीना और फल और सब्जियों जैसे हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ खाने से आंखों की नमी और संपूर्ण स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिलती है।

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