सनातन धर्म में सावन महीने में विशेष महत्व है यह देवों के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इसी महीने प्रत्येक दिन भगवान शिव शंकर -पार्वती की पूजा की जाती है साथ ही उनके निमित सावन सोमवार और मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य के प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। ज्योतिष की माने तो सावन के महीने पहले सोमवार परशिव योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं।
योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा पर प्राप्त होता है।
ज्योतिष की माने तो 22 जुलाई को सावन के महीने की शुरुआत होगी। इस दिन प्रतिपदा तिथि दोपहर 1:11 तक है इसके बाद से द्वितीय शुरू होगी। द्वितीया तिथि 12 जुलाई को सुबह 23 जुलाई को सुबह 10:30 पर समाप्त होगी । सावन महीने की शुरुआत सोमवार से हो रही है। । वही दूसरे दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। सावन के महीने के पहले दिन सावन नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। इस नक्षत्र का संयोग सावन के पहले सोमवार पर देर रात 10:21 तक गया। श्रवण नक्षत्र का संयोग दशकों बाद बन रहा है ज्योतिष श्रवण नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इस दौरान शुभ कार्य भी कर सकते हैं।
सावन के महीने पहले सोमवार मेंप्रीति योग का निर्माण हो रहा है। प्रीति योग संध्याकाल 5:58 तक है । प्रीति योग के दौरान भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाएगी प्रीति योग के बाद आयुष्मान योग का निर्माण होगा , इस योग का समापन 23 जुलाई को दोपहर 2:30 पर होगा।