सोलर पैनल एनवायरमेंट फ्रेंडली विजली पैदा करने की कैपेसिटी के लिए पॉपुलर है। सोलर पैनल का उपयोग करके आप एफ्फिसेंटली उपयोग करते हुए पर्यावरण में प्रदूषण को कम कर सकते हैं। पर्यावरण में प्रदूषण को कम कर सकते हैं। सोलर पैनल की इंपॉर्टेंट को समझते हुए सरकार नागरिकों को इन्हें वाइडली लगाने के लिए इन्सेन्टिवाइस करती है। सोलर पैनल के बढ़ते उपयोग से बिजली के बिलों को काफी हद तक कम कर सकते हैं या जीरो कर सकते हैं। साथ ही अपने कार्बन फुटप्रिंट को भी कम कर सकते है इस आर्टिकल में हम बात करेंगे सोलर पैनल के उपयोग बढ़ाने के लिए सरकारी कॉलेज में लगाया जाएगा और बिजली की कोस्ट को कम किया जाएगा।
GEDCOL एग्जीक्यूटिंग एजेंसी के रूप में डिजाइन किया गया
GEDCOL (ओडिशा के ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड) के सहयोग से राज्य सरकार की सरकारी कॉलेज में सोलर पैनल लगाने की अनाउंसमेंट करि है।ताकि उन्हें ग्रीन केंपस से बदला जा सके।ओडिसा रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसीअलाइंड इस इनिशिएटिव में 48 सरकारी डिग्री कॉलेजों और 16 टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में सोलर एनर्जी सिस्टम लगाई जाएगी। ये एफर्ट इन केंपस को एनवायरमेंट फ्रेंडली बनाया जाएगा। अन्य अपने कॉलेज को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। स्टेट लेवल डिपार्टमेंट का सोलर पैनल लगाने के लिए GEDCOL से हेल्प मिलेगी। एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में छत पर सोलर एनर्जी सिस्टम इनस्टॉल करने के लिए GEDCOL एग्जीक्यूटिंग एजेंसी के रूप में डिजाइन किया गया । इसमें ये लाभ शामिल है ।
एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन के लिए बिजली पैदा करेंगे
सोलर पैनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन के लिए बिजली पैदा करेंगे जिससे उनकी बिजली बिल में काफी कमी आएगी। बिजली बिल में बिलों में बचत को एजुकेशनल स्टूडेंट वेलफेयर एक्टिविटी की औररिडिरेक्ट किया जा सकता है। सोलर पैनल लगाने से पर्यावरण को अच्छा और स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी जिससे स्टेट और देश केरिन्यूएबल एनर्जी एनर्जी कैपेसिटी में ग्रोथ होगी । योजना का ऑपरेशन करने वाले ऑफिशर ने कहा है ,इसका गोल स्टेशन इंस्टीट्यूशन को बिजली की जरूरत में इंडिपेंडेंट बनाना और एनर्जी कंसम्पशन को कम करके ग्रीन कैंपस बनाना है। इनिशिएटिव सोलर पैनल के उपयोग को बढ़ावा देगा जिससे देश के अंदर इंस्टीट्यूशन को इनेबल एनर्जी सोर्स सोर्स को अपनाने के लिए इन्सेन्टिवाइस किया जाएगा। सोलर पैनल की बढ़ते उपयोग से फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम हो सकती है और आपका कार्बन फुटप्रिंट भी कम होगा जिससे ग्रीन एनर्जी फ्यूचर की ओर बढ़ावा मिलेगा।