अब लगेंगे स्मार्ट मीटर जो मोबाईल फ़ोन की तरह होंगे रिचार्ज ,जितनी बिजली खर्च उतना ही भरना पड़ेगा बिल

Saroj Kanwar
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हरयाणा सरकार बिजली चोरी और रोकने ओरिजिनल भुगतान का बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट मीटर परियोजना को तेजी से लागू शुरू कर करना शुरू कर दिया है। प्रदेश के 10 जिलों में इसकी प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। इस योजना के तहत उपभोक्ताओं को न केवल बिजली के सही उपयोग का फायदा मिलेगा बल्कि उन्होंने उन्हें अपने बिजली की खर्च की जानकारी तुरंत मिलेगी। बिजली नगर निगम के सिरसा ,फतेहाबाद और जींद सर्कल के लिए 681 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए गए हैं।

करनाल, पंचकूला और पानीपत में स्मार्ट मीटर लगाने का काम पहले ही पूरा हो चुका है। विभाग प्रदेश के अन्य जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू करेगा। यह सर्कल के हिसाब से करोड़ो रुपए के टेंडर लगाए गए हैं जिसमें योजना तेजी से आगे बढ़ेगी।

स्मार्ट मीटर का कार्य और सुविधाएं

स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को मोबाइल के जरिए में मीटर की निगरानी की सुविधा प्रदान करेगी। उपभोक्ता इसे प्रीपेड भी करवा सकते हैं । इसका मतलब है कि वह जितनी जल्दी रिचार्ज करेंगे उतनी ही बिजली मिलेगी। रिचार्ज खत्म होते ही बिजली आपूर्ति बंद हो जाएगी। यह सुविधा उन उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खर्च पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करेगी। यदि उपभोक्ता प्रीपेड योजना का लाभ नहीं लेना चाहता है तो वह सामान्य मीटर की तरह ही बिजली का उपयोग कर सकेगा।
उसे बिजली का बिल मोबाइल पर मिलेगा और उसका भुगतान कर बिजली आप पूर्ति प्राप्त कर सकेग।

विभिन्न शहरो में टेंडर और लगत इस प्रकार से है


हिसार, भिवानी – 548 करोड़ रुपये
सिरसा, फतेहाबाद, जींद – 681 करोड़ रुपये
पलवल, नारनौल और रेवाड़ी – 579 करोड़ रुपये
गुरुग्राम वन, टू और फरीदाबाद – 546 करोड़ रुपये

पभोक्ताओं की बिल भरने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी

इस प्रकार उपभोक्ताओं की बिल भरने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। विभिन्न शहरों में सर्कल में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए करोड़ों रुपए की टेंडर लगाए गए हैं। स्मार्ट मीटर योजना से उपभोक्ता और विभाग दोनों को कई फायदे मिलेंगे। उपभोक्ता अपनी मर्जी से बिजली का उपयोग कर सकेंगे और उन्हें बिजली खर्च की जानकारी तुरंत मिलती रहेगी। प्रीपेड सुविधा लेने वाले उपभोक्ता मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली रिचार्ज कर सकेंगे जिससे उनके खर्चे पर बेहतर नियंत्रण रहेगा। विभाग के कर्मचारियों को बिल भरने और मीटर के तेज चलने जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा विभाग के उपभोक्ताओं के बिजली का लोड का सही आकलन भी हो सकता है जिससे बिजली की आपूर्ति और प्रबंधन में सुधार होगा।

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