भारत लगातार अपने रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी को बढ़ा रहा है जिसके हिस्सेदारी केंद्र और राज्य दोनों सरकार हैं जो नागरिकों को इंश्योरेंस को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इनमें सबसे ऊपर सोलर एनर्जी जिस पर विशेष ध्यान दिया जाए और कई योजनाओं के माध्यम से सोलर सिस्टम इनस्टॉल करने वाले यूजर को सब्सिडी मिल रही है। इससे उन्हें कम कीमत पर सोलर सिस्टम सेटअप करने के लिए इन्सेन्टिवाइज़ किया जा रहा है। यहां पर आज हम बात करेंगे कैसे आप 1 किलो वाट के सिस्टम को इंस्टॉल कर सकते हैं ,सिर्फ 13000 में। इस के बारे में जानते हैं।
योजना का उद्देश्य देश में एक करोड़ परिवारों की छतो पर सोलर पैनल लगाना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के अंतिम बजट में आवंटित 75 हजार करोड़ की इन्वेस्टमेंट के साथ पीएम सूर्य घर में मुफ्त बिजली योजना के शुरू करी है। इस योजना का उद्देश्य देश में एक करोड़ परिवारों की छतो पर सोलर पैनल लगाना है। इसके अलावा इन परिवारों को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए यूजर को अप्लाई करना होगा और अप्रूवल मिलने पर उन्हें सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
शेयर की गई बिजली को मापने के लिए नेट मीटर लगाया जाता है
जो सोलर सिस्टम इनस्टॉल करने की कोस्ट को कम करने में मदद करती है। इस योजना के तहत सरकार 1 किलो वाट से लेकर 10 किलो वाट कैपिसिटी तक के सोलर सिस्टम के लिए सब्सिडी देती है। सब्सिडी प्राप्त करने के लिए ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम लगाना होगाजहाँ पैनल से जनरेट होने वाली पावर को इलेक्ट्रिक ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है। सिस्टम सभी इक्विपमेंट को चलाने के लिए ग्रिड बिजली का इस्तेमाल करता है और शेयर की गई बिजली को मापने के लिए नेट मीटर लगाया जाता है। यह सिस्टम बिजली के बिल को कम करने में मदद करता है।
सोलर सिस्टम लगाने के लिए उपभोक्ता के पास छत पर पर्याप्त जगह होनी चाहिए
सोलर सिस्टम लगाने के लिए उपभोक्ता के पास छत पर पर्याप्त जगह होनी चाहिए। 1 किलो वाट सोलर पैनल सिस्टम के लिए 10 वर्ग मीटर की आवश्यकता होती है। कंज्यूमर नंबर प्राप्त करने के लिए बिजली बिल आवश्यक है। सोलर पैनल लगाने से पहले घर के बिजली के लिए लोड की जानकारी होनी चाहिए। सोलर उपकरण राज्य की डिस्कॉम के साथ रजिस्टर सोलर वेंडर के माध्यम से खरीदे जाने चाहिए । सूर्य घर योजना और राज्य सरकार की कई पैनलों के जरिए कम कीमतों पर सोलर सिस्टम लगवाए जा सकते हैं। 1kw सोलर सिस्टम की टोटल कॉस्ट लगभग 60 हजार है। सब्सिडी योजना के लाभ के साथ केंद्र सरकार 30000 की सब्सिडी प्रदान करती है राज्य सरकार एडिशनल 17000 प्रदान करती है इस प्रकार कंजूमर का टोटल 47000 की सब्सिडी उपलब्ध होती है जिससे सोलर सिस्टम के कोस्ट केवल 13000 रह जाती है।
सोलर सिस्टम का उपयोग करने के लिए फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम होती है
सोलर सब्सिडी का योजना का लाभ उठाने के लिए यूजर कोUPCL (राज्य की DISCOM) के साथ रजिस्टर्ड सोलर उपक्रम वेंडर के माध्यम से अप्लाई करना होगा। अप्लाई करने के बाद योजना के अधिकारियो द्वारा एप्लीकेशन का रिव्यू किया जाता है। सोलर सिस्टम इनस्टॉल होने के बाद नेट मीटरिंग की जाती है। और वेंडर ऑफिशियल पोर्टल पर पूरी रिपोर्ट अपलोड करता है। एप्लीकेशन वेरीफाई होने के बाद सब्सिडी दी जाती है। इससे सभी क्लासेज के नागरिकों के लिए सोलर सिस्टम लगाना आसान हो जाता है। सोलर सिस्टम के इस्तेमाल में होने वाली सभी इक्विपमेंट पर्यावरण को प्रदूषित नहीं किए बिना बिजली पैदा करते हैं और इसे साफ और सुरक्षित रखते हैं। सोलर सिस्टम का उपयोग करने के लिए फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम होती है जिससे ग्रीन एनर्जी पर बेस्ड फ्यूचर को बढ़ावा मिलता है। वह भारी बिजली की बिलों से राहत देता है। इन लाभों को पहुंचाते हुए सरकार सोलर सिस्टम की इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।