राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद शिक्षा व्यवस्था में तेजी से बदलाव किए जा रहे हैं। एनईपी लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश का दूसरा राज्य है। हालाँकि स्नातक स्तर वार्षिक प्रणाली लागू होने से विद्यार्थियों को एनईपी को ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है। । मौजूदा समय की मांग को देखकर 7 साल बाद कॉलेज में फिर से सेमेस्टर प्रणाली लागू की जाएगी।
राज्यपाल मंगू भाई पटेल की अध्यक्षता में पिछले सामान्य समिति के बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई थी
राज्यपाल मंगू भाई पटेल की अध्यक्षता में पिछले सामान्य समिति के बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई थी। उच्च शिक्षा विभाग प्रस्ताव भी तैयार कर रहा है। लेकिन विधानसभा और लोकसभा चुनाव के कारण इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था अब नई सरकार बनने के बाद सेमेस्टर प्रणाली की मांग उठने लगी है। बताया जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग जल्दी ही इस आशय का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजेगा। वर्ष 2007-8 में हुआ था लागू प्रदेश की विश्वविद्यालय में वर्ष 2007 में 7-8 में सेमेस्टर प्रणाली लागू की गई थी तब यह व्यवस्था लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य था। हालाँकि इस व्यवस्था को लागू होने के बाद विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर का विरोध शुरू हो गया था इसे बंद करने के लिए विरोध प्रदर्शन भी हुआ था।
अध्यादेश 14-बी के अनुसार वार्षिक सिस्टम शामिल हैं
विश्वविद्यालय का कहना है कि सेमेस्टर सिस्टम के बाद काम का बोझ चार गुना बढ़ गया। वही बैंक कॉलेज इस बात से नाराज थे की उन्हें पूरे साल सिर्फ परीक्षाएं करनी पड़ रही है ।शैक्षणिक स्तर में देरी की सेमेस्टर सिस्टम कई कारण बताया गया। लगातार विरोध के बाद 6 जून 2017 को मध्य प्रदेश सरकार ने सेमेस्टर सिस्टम को खत्म कर दिया था। इसके बाद वार्षिक सिस्टम लागू किया गया, जो आज भी जारी है। अब पुराने सेमेस्टर सिस्टम को लगाने की वापस फिर सेकवायद शुरू हो गयी। वर्तमान में दो सिस्टम लागू है। अध्यादेश 14-ए के अनुसार सेमेस्टर और अध्यादेश 14-बी के अनुसार वार्षिक सिस्टम शामिल हैं।
कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने के लिए सभी कॉलेजों में 14-ए लागू करना होगा। वैश्विक स्तर का है सेमेस्टर सिस्टम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह ने भी प्रदेश में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने की बात कही थीउन्होंने कहा कि सेमेस्टर प्रणाली वैश्विक स्तर पर विद्यार्थियों को एक समान मानक प्रदान करती है, इसलिए मप्र सरकार को सेमेस्टर प्रणाली लागू करने पर विचार करना चाहिए।