MP News: प्रदेश में नहीं लिए जा रहे योजना के नये आवेदन, फिर भी दो महीने में बढ़ गईं 42 हजार लाड़ली बहनें, जनवरी में हो गई थी 1.52 लाख कम

Saroj Kanwar
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MP News: लाड़ली बहना योजना प्रदेश की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम है। हर माह करीब सवा करोड़ से अधिक महिलाएं इसमें शामिल होकर आर्थिक मदद पा रही हैं। लेकिन इस बीच योजना में महिलाओं की संख्या घटने-बढ़ने का सिलसिला थम नहीं रहा। महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि लाड़ली बहना योजना के लाभार्थियों की संख्या में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। जबकि सरकार ने सितंबर 2023 के बाद से नये आवेदन बंद कर दिए थे, इसके बावजूद पिछले दो महीनों में लाभार्थियों की संख्या 42 हजार बढ़ गई है। 

वहीं जनवरी 2025 में यह संख्या अचानक 1.52 लाख तक कम हो गई थी। सितंबर 2023 में योजना से कुल 6 लाख नये नाम जुड़े थे। इसके बाद लाभार्थियों की संख्या स्थिर रहने की उम्मीद थी, लेकिन जनवरी 2025 में यह 1,28,26,571 से घटकर 1,26,74,282 पर आ गई। यानी करीब 1.52 लाख महिलाएं योजना से बाहर हो गईं। फरवरी और मार्च में भी यही संख्या लगभग बनी रही। हालांकि जून 2025 तक लाभार्थियों की कुल संख्या घटकर 1,26,47,784 तक पहुंच गई। जबकि अगस्त महीने में 1,26,89,000 महिलाओं के खाते में राशि भेजी गई थी। यानी जून की तुलना में करीब 42 हजार महिलाएं फिर जुड़ गईं।

दोनों बार दिसंबर के बाद जनवरी में बड़ी संख्या में घटे लाभार्थी

विभाग के अनुसार योजना शुरू होने के बाद से अब तक केवल 36 महिलाओं को आपत्तियों के आधार पर अपात्र किया गया है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि लाभार्थियों की संख्या घटने का पैटर्न और बड़ा है। दरअसल, योजना लागू होने के बाद सिर्फ दो बार ही दिसंबर आया है और दोनों बार ही अगले महीने जनवरी में लाभार्थियों की संख्या घटी है। दिसंबर 2023 में कुल

1,30,33,803 महिलाएं योजना से जुड़ी थीं, लेकिन जनवरी 2024 में यह घटकर 1,28,75,738 रह गईं। यानी 1,58,065 महिलाएं कम हो गई। इसी तरह दिसंबर 2024 में लाभार्थियों की संख्या 1,28,26,571 थी, जो जनवरी 2025 में घटकर 1,26,74,282 रह गई। इस बार 1,52,289 महिलाओं की संख्या कम हुई।

योजना में महिलाओं के नाम जुड़ने व घटने के पीछे यह कारण

आधार और बैंक खाते के लिंक न होने से भुगतान अटकना। कुछ महिलाओं द्वारा खुद ही योजना से बाहर हो जाना। कुछ लाभार्थियों की पात्रता की दोबारा जांच में नाम कटना। स्थानीय स्तर पर आपत्ति निराकरण समितियों के फैसले। खातों के सक्रिय न होने या मृत्यु जैसी स्थिति में नाम हटना।

भुगतान का आंकड़ा भी बड़ा

जून 2023 से जून 2025 तक 27 किश्तों में महिलाओं को लगभग 4 लाख 2 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। हर माह औसतन 1.25 करोड़ महिलाएं इसका लाभ ले रही हैं। शुरुआत में जून 2023 में 1,24,42,587 महिलाओं को 1203.62 करोड़ रुपये दिए गए थे। जून 2025 तक यह संख्या 1,26,47,784 रही और भुगतान की राशि 1544.05 करोड़ रुपये के आसपास रही।

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