महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव जी की उपासना करने से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन कुंआरी लड़की अगर व्रत करती है तो मनचाहा वर मिलता है। यह व्रत कब रखा जाएगा, पूजा मुहूर्त, विधि, गृह प्रवेश का शुभ मुहूर्त क्या होगा आज हम बताने वाले हैं।
महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 मार्च को 9 बजकर 57 मिनट से होगा जो अगले दिन यानि 9 मार्च को 6 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। महाशिवरात्रि का निशिता मुहूर्त देर रात 12 बजकर 7 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।
निशिता पूजा समय – 9 मार्च को सुबह 12 बजकर 12 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा।
रात्रि पहला प्रहर पूजा समय- शाम 6 बजकर 29 मिनट से रात 9 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – 9 मार्च को सुबह 12 बजकर 37 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – 9 मार्च सुबह 3 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
पारण का समय
महाशिवरात्रि के दिन पारण का समय 9 मार्च को 6 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
पूजा विधि
- शिवलिंग का दूध से अभिषेक करना अत्यंत फलदायी माना गया है। शिवलिंग का दूध से रुद्राभिषेक करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
- महाशिवरात्रि की पूजा के समय शिवलिंग को जल चढ़ाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। ऊं नम: शिवाय: का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से परेशानियां दूर हो जाती है।
- शिवलिंग को लाल केसर से तिलक लगाएं। इससे जीवन में सौम्यता आती है और मांगलिक दोष दूर हो जाते हैं।
- महाशिवरात्रि की पूजा के समय शिवलिंग पर शहद का लेप करने से वाणि को मधुरता मिलती है। इससे जीवन में राग और द्वेष कम होते हैं।
महत्व
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। मान्यता है कि इसी दिन कठोर तप के बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखती हैं।
alsoreadMahashivatri- महाशिवरात्रि पर पूजा करते समय ना करें ये काम, नहीं तो नहीं मिलेगा पूजा का फल
शिवरात्रि के दिन वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त
8 मार्च 2024, शुक्रवार, शुभ मुहूर्त समय: सुबह 06:38 से रात 09:57 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण, धनिष्ठा