भगवान शिव को अमर,अजर और अविनाशी कहा गया है। शिव अनन्त है और उनकी पूजा करके जातक की संपूर्ण मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह के पर्व को हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च को है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है।
महाशिवरात्रि की पूजा के दौरान कुछ लोग अनजाने में गलतियां कर बैठते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
महाशिवरात्रि की पूजा करते समय ना करें ये गलतियां
- महाशिवरात्रि पर अगर आप शिवलिंग पर अभिषेक कर रहे हैं, तो इसे लोटे या कलश से करें। इस दौरान ना तो शंख बजाएं और ना ही शंख से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- भगवान शिव की पूजा करते वक्त तुलसी दल अर्पित करना निषेध है। इसके अलावा महादेव की पूजा में कनेर और केतकी के फूलों को भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- महाशिवरात्रि पर अक्सर लोग भगवान शिव की पूजा करने के बाद शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं। शिवलिंग की आधी परिक्रमा करनी चाहिए। महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं क्योंकि भगवान शिव को बेलपत्र काफी प्रिय हैं। बेलपत्र टूटे फूटे, पुराने, सूखे चढ़ाने से पूजा विफल हो जाती है।
- महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा करते समय रोली, कुमकुम या हल्दी अर्पित नहीं करनी चाहिए। इन चीजों की बजाय पीला चंदन अर्पित करना चाहिए और उसका ही तिलक करना चाहिए।