भारतीय सेना भी अब वाहनों से बनाने वाले प्रदूषण को कम करने की मुहीम में शामिल हो गयी। इंडियन ऑयल की ओर से सेना को खास तरह के ईंधन से चलने वाली बस को सौंपा गया है। इस तकनीकी से चलने वाली बस की क्या खासियत है हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं। भारतीय सेना अब हाइड्रोजन से चलने वाली बस का उपयोग करेगी।
भारतीय सेना को इंडियन oil की ओर से एक बस को सौंपा गया
भारतीय सेना को इंडियन oil की ओर से एक बस को सौंपा गया। इस दौरान सेना प्रमुख मनोज पांडे इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधवी भी मौजूद रहे। दोनों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए gye। जिसके बाद इस बस को सेना को सौंप दिया गया। भारतीय सेना को इंडियन ऑयल की ओर से जी हाइड्रोजन को दिया गया। उनमे 37 लोगों के बैठने की क्षमता है । ससे टैंक को एक बार में 30 किलोग्राम हाइड्रोजन से भरा जा सकता है जिसके बाद बस को करीब 250 से 300 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है।
भारतीय सेवा इससे पहले एनटीपीसी के साथ हाइड्रोजन के लिए समझौता कर चुकी है।यही समझौता कितनी 21 मार्च 2023 को हुआ था जिसके तहत एनटीपीसी की दो को देश की उत्तरी सीमा पर ग्रीन हाइड्रोजन आधारित एक माइक्रो ग्रिड की स्थापना करनी थी । । जिसके बाद चुशूल में 200 किलोवाट की क्षमता को ग्रीन हाइड्रोजन माइक्रोग्रिड बनाया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से लगातार वाहनों में नई तकनीक पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी हाइड्रोजन चलने वाली कार का उपयोग करते हैं। इसके अलावा टाटा ,रिलायंस जैसी कंपनियां भी हाइड्रोजन पर चलने वाली बसों पर काम कर रही है।