आज के समय में बैंक खाता खुलवाना आवश्यक है। यह डिजिटल लेनदेन को सरल बनाता है और बैंक पासबुक महत्वपूर्ण दस्तावेज है । नौकरी पेशा , किसान और आम आदमी बचत खाता खुलवाते हैं जो उनकी बचत के लिए होता है। वही जब कोई कारोबारी बैंक अकाउंट खुलवाता है तो वह करंट अकाउंट या चालु खाता खुलवाता है । सेविंग अकाउंट में पैसा जमा करने और अकाउंट में पैसा रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और आयकर विभाग ने एक सीमा तय कर रखी है । तय सीमा से अधिक रकम रहने पर आयकर विभाग संबंधित व्यक्ति से सवाल पूछ लेता है।
मोबाइल ऐप सेबढ़ा डिजिटल ट्रांजेक्शन
देश में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का दौर जरूर शुरू हुआ तो लोगों ने नकदी का इस्तेमाल कम करना शुरू किया है। उन्होंने डिजिटली ट्रांजेक्शन के लिए अपने सेविंग अकाउंट से ट्रांजैक्शन करना शुरू किया। आजकल प्रायः हर बैंक में अपना मोबाइल ऐप लॉन्च कर दिया। लोग पेटीएम ,फोनपे ,गूगल पे ,डेबिट कार्ड ,रुपे कार्ड आदि का उपयोग करके ट्रांजैक्शन कर रहे हैं। इससे उनका जीवन आसान हो गया है।
सेविंग अकाउंट में कितना रख सकते हैं बैलेंस
सेविंग अकाउंट में बैलेंस रखने की कोई कीमत तय नहीं की है। लेकिन आयकर विभाग ने की वित्त वर्ष में सेविंग बैंक अकाउंट में बैलेंस लिमिट तय कर दी है। आयकर विभाग के नियम के अनुसार ,भारत का कोई भी नागरिक वित्तीय वर्ष में अपने सेविंग बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपए से अधिक रकम का बैलेंस नहीं रख सकता है। यह समिति किसी व्यक्ति की बैंक में अकाउंट में आय कर विभाग की ओर से तय की गई लिमिट से अधिक रकम पाई जाती है तो आयकर विभाग संबंधित आदमी को ई-मेल या स्पेशल प्लेटफार्म के माध्यम से पूछताछ कर सकता है। इसके बाद खाताधारक आयकर विभाग को को बाकी रकम के स्रोत के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करनी होगी।
कितनी रकम पर लग जाता है इनकम टैक्स
आयकर विभाग बैंकों में खोले गए खातों पर निगरानी रखता है जिसमें चालू और बचत खाते शामिल है। जमा या निकासी पर नजर की जाती है। यदि आप अपने बचत खाते में बड़ी रकम जमा या निकालते हैंतो आयकर विभाग को इसकी सूचना मिलती है। इसका उद्देश्य काले धन पर अंकुश लगाना और कर चोरी को रोकना है। अगर आपके खाते में एक वित्त वर्ष में 10 लाख का बेलेंस है तो आयकर विभाग आपसे कोई सवाल नहीं पूछेगा जैसे ही आपके सेविंग अकाउंट में बैलेंस निर्धारित लिमिट को क्रॉस करता है, तो आयकर विभाग आपसे इनकम टैक्स वसूलना शुरू कर देता है। इनकम टैक्स का भुगतान नहीं करने पर आयकर विभाग खाताधारक को नोटिस भी भेज सकता है /