गर्मी के मौसम में खीरा सेहत के लिए अनेक फायदा देता है। हाई वॉटर कंटेंट होने के चलते पानी की कमी होने नहीं देता। शरीर को हाइड्रेशन और कूलिंग इफेक्ट्स भी देता है। खीरा खाने पर शरीर को कोई फायदे मंद एंटीऑक्सीडेंट ,विटामिन के ,विटामिन सी , पोटेशियम , मैग्नीशियम और मेगनीज मिलता है।खीरा खाने पर पाचन को दुरुस्त रहने में मदद मिलती है। मेटॉबॉलिज्म बूस्ट होता है सो अलग।
खीरा खाते हुए अगर कड़वा निकल जाए तो सारा मजा खराब हो जाता है
लेकिन खीरा खाते हुए अगर कड़वा निकल जाए तो सारा मजा खराब हो जाता है। आमतौर पर लोग खीरे को सिरे से काटकरघिसते है जिससे कड़वाहट कुछ हद तक निकल जाती है लेकिन अगर खीरा ज्यादा कड़वा होता है तो ये तरकीब भी काम नहीं आती। ऐसे में यहां जानते है की किस तरह खीरा खरीदते हुए कड़वे या कड़वे या मीठे खीरे पहचान की जाती है।
छिलके को देखनेभर पता चल जाता है की खीरा कड़वा है या मीठा
खीरा खरीदते समय उसे छिलके को देखनेभर पता चल जाता है की खीरा कड़वा है या मीठा। असल में देसी खीरे ज्यादातर मीठे ही होते हैं। खीरा कड़वा है या यह जानने के लिए देखे की खीरा देसी है या नहीं। अगर खीरे के छिलके का रंग ज्यादा गहरा और बीच से पिला है तो साथ खीरे का दानेदार है तो ये खीरा देसी है। इसकी खीरे का स्वाद कड़वा नहीं होगा।
सफेद धरियो वाले खीरे लेने से परहेज करें क्योंकि इस तरह के खीरे कड़वे होते है
कड़वा खीरा पहचाने का अलग तरीका है। इसके आकार को देखना । बहुत ज्यादा बड़ा और ज्यादा छोटा खीरा खरीदने से परहेज करें। इस तरह का खीरा कड़वा हो सकता है। ऐसा खीरा चुने जिसका आकार माध्यम हो। जब आप खीरा खरीद रहे हैं तो उसे हल्का दबाकर मुलायम होता तो संभावना है कि वह अंदर से गला हुआ है और ज्यादा पका हुआ है। ताजा खीरा कड़ा होता है इसलिए ताका खीरा देखकर ही। खरीदे वही इस बात का खास ख्याल रखें कि आप पीले रंग का खीरा ना ले। पीले रंग का दिखने वाला खीरा या मुड़ा तुड़ा दिखने वाला खीरा बासी हो सकता है। सफेद धरियो वाले खीरे लेने से परहेज करें क्योंकि इस तरह के खीरे कड़वे होते है।