अगर घर में लगाएंगे 1 kw का सोलर पैनल तो चला सकते है घर के कितने आइटम्स ,यहां जाने इसकी पूरी कॉस्ट और पावर

Saroj Kanwar
3 Min Read

आपके घर में 1 किलो वाट सोलर पैनल सिस्टम इनस्टॉल करने के लिए नीड आपकी बिजली की खपत पर निर्भर करता है। अगर आपका घर हर महीने 8 यूनिट तक बिजली का उपयोग करता है तो एक 1 kw सोलर पैनल सिस्टम आपके लिए सूटेबल हो सकते हैं। आम हम तौर पर घरों में टीवी ,पंखे और लाइट जैसे बिजली का एप्लायंस का उपयोग किया जाता है जिनकी लोड काफी कम होता है कुछ घरों में वाशिंग मशीन ,रेफ्रिजरेटर ,पानी के पंप और गीजर का भी उपयोग किया जाता है जो लोड को बढ़ाते हैं। इस आर्टिकल में बात करेंगे एक KW सोलर सिस्टम पर आप क्या-क्या चला सकते हैं।

1 KW सोलर पैनल सिस्टम पर आप इन अप्लायंस को आसानी चला सकते हैं

1 KW सोलर पैनल सिस्टम पर आप इन अप्लायंस को आसानी चला सकते हैं । एक लाइट मोड में आप लाइट ,पंखा , टीवी जैसे बेसिक अप्लायंस इसको आसानी चला सकते हैं।
हेवी लोड पर ज्यादा मजबूत इनवर्टर और बैटरी सिस्टम के साथ आप बाहरी अप्लायंस को मैनेज कर सकते हैं। एक किलो लोड सिस्टम के लिए आपको 100 वाट के 10 पैनल की जरूरत होगी । वहीं 200 वाट के पांच पैनल की जरूरत होगी। इस सिस्टम के लिए आपको 24 वाट पैनल को हैंडल करने वाला 1500 वाट इन्वर्टर और या GAMMA+ 1000VA इन्वर्टर होगी। वही बैटरी के लिए आपको 150 ah से अच्छी कैपेसिटी की बैटरी कनेक्ट कर सकते हैं। हैवी लोड वाले सिस्टम के लिए आप 330 वाट के पैनल या 500 वाट के दो पैनल लगा सकते हैं। इस सिस्टम के लिए आपको 2.5 kW इन्वर्टर या GAMMA+ 1000VA इन्वर्टर की नीड होगी। वही आप 200Ah या 230Ah की बैटरी कनेक्ट कर सकते हैं।

आपके द्वारा चुने गए सोलर पैनल के प्रकार के आधार पर कॉस्ट अलग-अलग होती है।

बाइफेसियल सोलर पैनल: ₹38,000
पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल: ₹28,000
मोनो PERC सोलर पैनल: ₹33,000

बजट के हिसाब से पॉलीक्रिस्टलाइन पैनल ज्यादा किफायती होते हैं जबकि मोनो-PERC पैनल ज्यादा कीमत पर बेहतर एफिशिएंसी प्रदान करते हैं। बाई फेशियल पैनल सबसे ज्यादा पावरफुल होते हैं। और टीवी , कंप्यूटर ,रेफ्रिजरेटर ,माइक्रोवेव ओवन ओवन और वाशिंग मशीन सहित सभी घरेलू उपकरणों को चलाने के लिए उपयुक्त है।

कैसे करता है काम सोलर पैनल

सोलर पैनल सिलिकॉन के बने होते हैं जो एक प्रकार का सेमीकंडक्टर है। कभी-कभी फोटोवोल्टिक sel से बने होते हैं। जब सनलाइट इन सेल से टकराती है तो फोटॉन के रूप में एनर्जी के रूप में ऑब्जर्व करते हैं। यह एनर्जी सेल के अंदर इलेक्ट्रॉनों को मुक्त करती है जिसे इलेक्ट्रिक करंट बनता है सोलर पैनल सोलर एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी ने कन्वर्ट करते हैं।

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