भारत में चाय और बिस्किट क्लास की कांबिनेशन जिसका आनंद सभी उम्र के लोग आज के समय में हर किसी के घर में कोई ना कोई बिस्किट मौजूद रहता है। लेकिन क्या उन्हें वास्तव में हेल्दी माना जाता है। एक्सपर्ट्स क्या बोलते है इस बारे में।
रिप्यूटेड न्यूट्रिशनिस्ट अमिता गद्रे ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल (@amitagadre) पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने बिस्किट को हेल्दी होने के मिथक को खारिज किया इसके बजाय उन्हें कुछ हेल्दी ऑप्शन भी शेयर किया है।
बिस्किट को सेहतमंद नहीं नहीं माना जाता
पोषण विशेषज्ञ अमिता गद्रे का कहना है कि ,बिस्किट हालाँकि चाय के साथ बड़े चाव से खाते है लेकिन वे उतने सेहतमंद नहीं है जितने लोग सोचते हैं। यहां जानते हैं क्यों।
खराब पोषण प्रोफ़ाइल
अधिकतर बिस्किट में फाइट और रिफाइंड आटा ज्यादा होता है जिसमें बहुत कम या बिलकुल भी फाइबर नहीं होता। इसका मतलब है की केवल खाली कैलोरी देते हैं। इसका अर्थ है प्रोटीन विटामिन या खाने से तत्वों के साथ ऊर्जा की कमी होती है।
सभी बिस्किट एक जैसे नहीं होते
जीरो वसा ,शुगर फ्री , मैदा फ्री या डायबिटीज के अनुकूल होने के दावों के बाद ये अक्सर खाली कैलोरी के अलावा कुछ नहीं देते हैं।
कम पोषक तत्वों वाला भोजन हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करता है?
गद्रे के अनुसार ,लगातार पर्याप्त पोषण की कमी वाले पोषण का सेवन करने का मतलब है कि हमारे शरीर को पोषण देने से चूकना। वह ये भी बताती है कि ,रस्क ,नान खटाई ,खारी और जीरा बिस्कुट सहित अधिकतर बिस्किट परिष्कृत गेहूं के आटे से बनाए जाते हैं जिनमें फाइबर की कमी होती है। कम फाइबर का सेवन बच्चों और बड़ो दोनों में कब्ज का कारण बन सकता है।चूँकि गद्रे चाय के समय निर्मित रूप से बिस्किट खाने की सलाह नहीं देती इस लिए आप सोच रहे होंगे कि चाय के साथ क्या खाया जाए।
चाय के साथ कुछ भी ना खाने का सुझाव देती है
अगर आपको भूख नहीं है तो चाय के साथ कुछ भी ना खाने का सुझाव देती है। हालांकि अगर आपको नाश्ते की जरूरत में खाना है तो कम तेल वाला चिवड़ा ,मेथी थेपले ,सब्जी रोल या फल का एक टुकड़ा जैसे ऑप्शन को चुन सकते हैं । एक बात जो याद रखना है की चाय पीने की 15 मिनट बाद इन फूड आइटम्स का सेवन करना है। क्योंकि उनकी एंट्री पोषक तत्व शरीर में आयरन के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं।