हिंदू धर्म में फाल्गुन माह को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना है। रंगों के त्योहार से एक दिन पहले फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है। इस दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं और होलिका की विधि-विधान से पूजा भी की जाती है। होली दहन को छोटी होली भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन वह दिन है जब होलिका को अग्नि में अखंड रूप से जलने का वरदान मिला था। वह प्रहलाद को अपनी गोद में बैठाकर अग्नि में प्रवेश कर गयी। उस समय भगवान विष्णु प्रह्लाद की सहायता के लिए आये। उस दौरान होलिका आग में जल गई, जबकि प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ. अब ऐसे में होलिका दहन के दिन कुछ उपाय हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकता है।
होलिका दहन के दिन सूखे नारियल का उपाय
होलिका दहन के दिन एक सूखा नारियल अपने ऊपर घुमाकर जलती अग्नि में डाल दें। इससे बुरे प्रभावों से राहत मिल सकती है। इसके अलावा होलिका दहन के दिन दो लौंग लें और उन्हें घी में डुबा लें। इसके बाद शाम के समय होलिका दहन में पान के पत्ते और बताशे के साथ घी में भीगी हुई लौंग को अग्नि में डाल दें। ये फायदेमंद हो सकता है।
होलिका दहन के दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें
होलिका दहन के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान भी दें। इससे सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है।
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