हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्रीनायब सिंह सैनी ने बजटस्तर के दौरान किसानो के हित में कई तरह घोषणा की है जिसे प्रदेश के अंदर अन्नदाताओ को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कृषि और इससे जुड़े अन्य विभागों के बजट में भारी वृद्धि का प्रस्ताव रखा है जिससे खेती और पशुपालन को नई मजबूती मिलेगी।
कृषि, बागवानी और पशुपालन के बजट में भारी इजाफा
मुख्यमंत्री ने बताया कि ,कृषि विभाग के बजट में 19.2% बागवानी में 95 50% ,पशुपालन में 50.9% और मत्स्य पालन विभाग में 144.40% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत अब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का कुल बजट बढ़ाकर 4229.29 करोड़ रूपये हो जाएगा। यह निर्णय किसानों का आर्थिक संबल देने और कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए किया गया है।
किसानो की आय सर्कार की प्राथमिकता
बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियाँ हरियाणा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और सरकार लगातार इसे मजबूत करने के लिए काम कर रही है। सरकार की प्राथमिकताकिसानो की लागत को कम करना ,फसलों की पैदावार बढ़ाना ,MSP पर फसल खरीद की गारंटी देना ,मिट्टी की सेहत सुधारना ,पानी की बचत करना ,अच्छे बीज और खाद उपलब्ध कराना और प्राकृतिक व जैविक खेती को बढ़ावा देना है।
किसान संगठनों से मिले सुझावों को किया शामिल
मुख्यमंत्री ने बताया की 9 जनवरी को हिसार कृषि विश्वविद्यालय में कृषि बागवानी ,पशुपालन ,मत्स्य पालन ,औरसहकारिता से जुड़े सेकड़ो किसानों और कृषि उत्पाद संगठनों के साथ विचार विमर्श हुआ जिसमें 161 सुझाव प्राप्त हुए थे । उन्होंने ख़ुशी जताई कीइस बैठक में किसानों ने “मेरी फसल मेरा ब्यौरा”, ई-खरीद पोर्टल, “मेरा पानी मेरी विरासत”, “भावांतर भरपाई योजना” और प्राकृतिक खेती जैसी योजनाओं की सराहना की। सरकार ने इन सभी सुझावों को इस बजट में शामिल करने का प्रयास किया है।
नकली बीज और कीटनाशकों पर सख्ती
किसानों को नकली बीज और कीटनाशक बेचने वाले असामाजिक तत्वों से बचाने के लिए सरकार इस बजट सत्र में एक नया बिल लाने जा रही है। इस कानून के जरिए किसानों को ठगी से बचाने और उनके हितों की रक्षा करने की योजना बनाई गई है।
नई बागवानी नीति लागू मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि जल्दी हैनई बागवानी नीति लागू की जाएगी जिससे मूल्य संवर्धन, भंडारण, प्रोद्योगिकी और मार्केटिंग को बढ़ावा मिलेगा । यह नीति प्राकृतिक और जैविक बागवानी को प्रोत्साहित करेगी औरदोनों तरह केकृषक उत्पादन संगठनों सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
कृषक उत्पादक संगठनों को मिलेगा समान अधिकार
वर्तमान में केवल वे कृषक उत्पाद संगठन जो एक कंपनी के रूप में पंजीकृत है ,वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं जबकि सरकारी समिति के रूप में पंजीकृत एफपीओ इन लाभों से वंचित रह जाते है ,नई बागवानी नीति की तैसी अंतर समाप्त कर दिया जाएगा जिससे सभी किसानों का समान अवसर मिलेगा।