सरकार की ओर से किसानों के लिए बहुत से लाभकारी योजना चलाई जा रही है इन योजनाओं में से एक योजना कृषि ड्रोन पायलट योजना है। इससे तहत सरकार दसवीं पास लोगों को ड्रोन उड़ने की ट्रेनिंग दे रही ह। कृषि ड्रोन की खेती में इस्तेमाल को बढ़ावा देने की उद्देश्य से ये योजना शुरू की गई है। कृषि ड्रोन की सहायता से खेत में फसलों पर कीटनाशक छिड़काव कुछ ही समय में कर लिया जाता है। यदि वही कार्य हम स्वयं करते हैं तो उसमें काफी समय लग जाता है। सलिए आधुनिक खेती में ड्रोन का उपयोग किया जाने लगा । खास बात यह है कि कृषि ड्रोन ट्रेनिंग में दसवीं पास लोगों को ड्रोन उड़ने की प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस से उनकी इनकम बढ़ेगी इसमें किसानो को प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रदेश में हाईटेक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि विभाग की ओर से दसवीं पास लोगों को कृषि ड्रोन उड़ाने ने की मदद ट्रेनिंग नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर में दी जा रही है।
प्रशिक्षण 6 दिन का होगा इसके लिए फीस भी निर्धारित की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा रिमोट पायलट का आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण की फीस 50 हजार रुपए रखी गई है। लेकिन चयनित लोगों को 9300 रूपये शुल्क देना होगा। इस राशि 5000 रुपए प्रशिक्षण और 4300 आवास में खाने का शुल्क रखा गया है। शेष निर्धारित शुल्क का 50% कृषि विभाग और 50% विश्वविद्यालय भरेगा।
प्रशिक्षण विभाग लेने वाले के लिए कुछ योग्यता और पात्रता निर्धारित की गई है।
राज्य का निवासी होना चाहिए
आवेदन कम से कम 10 से पास होने वाले हैं
ड्रोन प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए 18 से 65 साल की आयु रखी गई है।
प्रदेश के 500 लोगों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रत्येक जिले से अधिकतम 10% साथियों प्रशिक्षण के लिए सब्सिडीदी जाएगी।
यदि आप राजस्थान से है तो आप इस दौरान पायलट प्रदर्शन में आवेदन कर सकते है। इसके लिए आवेदन राज साथी पोर्टल द्वारा राज्य किसान सुविधा के माध्यम से किया जा सकता है। आवेदन फार्म के साथ 10वीं और इसकी समक्ष मार्कशीट स्कैन करके अपलोड करनी होगी । वहीं कृषि उत्पादक संगठन, कस्टम हायरिंग केंद्र द्वारा नामित होने की स्थिति में आवेदक को संगठन या केंद्र की ओर से नामित किए जाने का प्रमाण पत्र की प्रति भी स्कैन करके अपलोड करनी होगी।
ड्रोन खरीदने के लिए मिलती है सरकार से सब्सिडी
किसानो व उत्पादक संगठनों ,कस्टम हायरिंग ,केंद्र को सब्सिडी देने की प्राथमिकता दी जाएगी। उ इसके तहत किसानों और कस्टम हायरिंग सेंटर को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। इस तरह सरकार की ओर से 10 लाख के ड्रोन पर 4 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता है इस तरह सरकार की ओर से 10 लाख की ड्रोन पर ₹400000 का अनुदान दिया जाता है। किसानों को 10 लख रुपए की कीमत वाला ड्रोन 6 लाख रुपए मिल जाता है।