किसानो की खेत की ID बनाने का काम सरकार करने वाली है जल्दी ही ,यहाँ जाने क्या होगा इससे किसानो को फायदा

Saroj Kanwar
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सरकार की ओर से किसानों के हित में कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है जिनका लाभ उन्हें मिल रहा है। किसानों के खेत में एडवांस तकनीक का इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। वही उनके खेत में फसल की सुरक्षा के लिए भी कई योजनाएं चलाई जा रही है। इसी कड़ी में किसानो के कहत में आईडी जिसे किसान रजिस्ट्री का नाम दिया गया है बनाने का काम किया जाएगा। इस काम को 4 जून 2024 शुरू किया जाएगा। हालाँकि इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही किसान रजिस्ट्री बनाने का काम पूरे प्रदेश में शुरू किया जायेगा ।

राज्य सरकार के कृषि एवं राजस्व विभाग द्वारा इस योजना को जल्दी लागू किया जाएगा

राज्य सरकार के कृषि एवं राजस्व विभाग द्वारा इस योजना को जल्दी लागू किया जाएगा। इसके तहत जिस प्रकार स्वामित्व योजना के तहत किसानों को उनके घर , मकान आदि की डिजिटल घ्राणी दी जा रही है ठीक उसी तरह से किसानो के खेत का ब्यौरा भी डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज किया जाएगा। इससे सभी किसानों के हर खेत की एक आईडी बनाई जाएगी। इस आईडी के जरिए किसानों के खेत का रकबा ,मिट्टी का प्रकार और सिंचाई की साधन सही करने जानकारियां दी जाएगी।

यूपी सरकार की ओर से किसान की रजिस्ट्री बनाने का काम जुलाई से शुरू हो जाएगा

यूपी सरकार की ओर से किसान की रजिस्ट्री बनाने का काम जुलाई से शुरू हो जाएगा। कृषि विभाग के अधिकारी के मुताबिक , फर्रुखाबाद जिले में कृषि रजिस्ट्री का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा। 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी परियोजना को लागू किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में अपर जिलाधिकारी को इस काम के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। शासन की तरफ से किसान रजिस्ट्री बनाने के काम को पूरा करने के लिए आगामी जुलाई से सितंबर तक का समय दिया गया। जुलाई महीने में प्रथम सप्ताह से हर जिले में किसान रजिस्ट्री बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा। किसान रजिस्ट्री का खेत का रकबा मिट्टी का प्रकार और सिंचाई की साधन सहित अन्य जानकारियां दर्ज होने से किसानों को बहुत लाभ होगा।

किसानों को कौन सी फसल की बुवाई करनी चाहिए जिससे लाभ उसकी सलाह दी जा सके

किसानों को कौन सी फसल की बुवाई करनी चाहिए जिससे लाभ उसकी सलाह दी जा सके। खेत में किसान फसल में मात्रा में खाद में पानी देना है ऐसे में खेती से जुड़े सवालों का जवाब देने में आसानी रहेगी । इस काम के लिए प्रदेश सरकार इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। राज्य सरकार की ओर से परियोजना को समय पर पूरा करने की निर्देश दिए इस योजना के तहत राज्य के प्रति किसान परिवार के मुखिया के किसान रजिस्ट्री बनाई जाएगी इसमें खसरा ,खतौनी में दर्ज अभिलेख के आधार पर खेत का विवरण दर्ज कर उसकी आईडी बनाई जाएगी। किसान रजिस्ट्री के आधार पर राज्य सरकार को यह भी पता रहेगा कि किसान के खेतो में कौन सी फसल खेत में बोई गई।

पीएम फसल बीमा योजना का लाभ वास्तविक लाभ पहुंचाने में सहायता मिलेगी

इसके आधार पीएम फसल बीमा योजना का लाभ वास्तविक लाभ पहुंचाने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा किसान रजिस्ट्री में या दर्ज होगा कि अमुक किसान ने कौन सी फसल कितने रकबे में बोई है इसकी सहायता से हर खेत की उत्पादन क्षमता का रिकॉर्ड भी दर्ज हो सकेगा जिससे सरकार को किसी गांव में विभिन्न फसलों के संभावित उत्पादन एवं वास्तविक उत्पादन की स्थिति का आंकड़े मिलना आसान हो जाएगा। अभी तक राज्य में फसल उत्पादन के अनुमानित आंकड़ों के आधार पर संभावित फसल उत्पादन का अनुमान लगाया जाता रहा है।

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