आंगनवाड़ी आशा कार्यकर्ता हमारे समाज महत्वपूर्ण स्तम्भ है । ये कार्यकर्ता देश के हर कोने मेंस्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। लंबे समय से कार्यकर्ताओं के वेतन बढ़ोतरी की मांग होती आयी है। हाल ही में कई राज्य में कार्यकर्ताओं की मानदेय में वृद्धि की घोषणा की गई है इससे न केवल कार्यकर्ताओं के जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद जगी है केवल इसका प्रभाव देश भर में स्वास्थ्य सीमा और पोषण कार्यक्रम प्रभाव पड़ेगा।
आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता योजना
आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के लिए विभिन्न योजनाएं केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जाती है। इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना और पोषण कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वन करना है। इस योजना के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मौजूदा वेतन ₹4,500 + ₹3,600 है, वहीं आंगनवाड़ी सहायिकाओं को ₹2,500 + ₹1,800 मिलते हैं। आशा कार्यकर्ताओं का वेतन ₹2,000 से ₹4,000 तक होता है, जो राज्य के हिसाब से भिन्न हो सकता है। कई राज्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए ₹26,000 के न्यूनतम वेतन की मांग उठाई गई है।
आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका और महत्व
आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में एक अहम कड़ी है। यह कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं नवजात शिशुओं बच्चों की देखभाल में सक्रिय रहते हैं। इनके कार्यों में मुख्य रूप से बच्चों का टीकाकरण ,पोषण स्तर की निगरानी ,स्वास्थ्य शिक्षा का प्रचार और सरकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन शामिल है। कोरोना महामारी के दौरानइन कार्यकर्ताओं ने अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में कार्य किया और समुदाय को कोरोना से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया।
वेतन वृद्धि की मांग और कारण
वेतन बढ़ोतरी की मांग समयसमय पर उठती रहती है इसके पीछे कई कारण जैसे मुद्रास्फीति मेंबढ़ती महंगाई के कारण मौजूदा वेतन प्राप्त हो गया। इन कार्यकर्ताओं पर काम का बोझ लगातार बढ़ रहा है। लेकिन वेतन में कोई विशेष वृद्धि नहीं हुई इसके अतिरिक्त अधिकांश कार्य कर्ता शिक्षित और बेहतर वेतन के हकदार है जिससे वेतन वृद्धि की मांग स्वभाविक हो जाती है। इसके अलावा वर्तमान समय में कार्यकर्ताओं को पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं मिलते है जो उनके कार्य शक्ति और जीवन स्तर को प्रभावित करते हैं।