सोलर पैनल की वारंटी सोलर सिस्टम के प्रयोग से ही से ही हरित भविष्य की ओर बढ़ाया जा सकता है। आज के समय में लगभग सभी क्षेत्र में सोलर पैनल का प्रयोग किया जा रहा है। सोलर सिस्टम से पैदा हुई बिजली पर्यावरण को दूषित किए बिना ही बनाई जा सकती है। सोलर पैनल में लगे PV से सौर ऊर्जा को बिजली में बदल जाता है। सोलर पैनल पर दी जाने वाले 25 साल की वारंटी की जानकारी देखे।
सोलर पैनल पर वारंटी के प्रकार
प्रोडक्ट वारंटी – अगर कंपनी के उपकरणों के निर्माण में कोई कमी आए तो यह पैनलों को रिप्लेस किया जा सकता है ज्यादातर कंपनियां 10 साल की प्रोडक्ट वारंटी प्रदान करती है। इनमें स्टेन, फ्रेम या गिलास डैमेज, जंक्शन बॉक्स डैमेज, पैनलों की बैकशीट में दिक्कत आने पर क्लेम किया जा सकता है।
परफॉर्मेंस वारंटी -सोलर पैनलों के प्रदर्शन पर भी वारंटी प्रदान की जाती है। आमतौर पर अच्छे ब्रांड 25 साल की वारंटी प्रदान करते हैं। पैनल 25 साल के बाद 80% तक आउटपुटप्रदान करने की गारंटी उपभोक्ता को दी जाती है।
सोलर पैनल पर 25 साल की वारंटी
पैनल की क्षमता के अनुसार , बिजली न देने पर कंपनियों से रिप्लेस करेगी।
पैनल के निर्माण संबंधित त्रुटि होने पर पैनल रिपेयर किया जाता है उसे बदला भी जा सकता है। पूरी टेस्टिंग कर करके पैनल को दोबारा इंस्टॉल कर सकते हैं।
सोलर विनिर्माण की अच्छी कंपनियां तेज वर्षा एवं आंधी के नुकसान पर भी वारंटी कवर करती है। ऐसे में कंपनी की विश्वसनीयता बढ़ती है।
पैनल पर वारंटी न मिलने की कंडीशन
यदि ग्राहक कंपनी के पेशेवर या दूसरे योग्य तकनीशियन की सहायता के बगैर ही पैनल को लगवाता है, और इंस्टॉल करने में कोई खराबी होती है, तो ऐसी स्थिति में पैनल के फॉल्ट और डैमेज में कंपनी कोई सहायता नहीं देती है।
सोलर पैनल का ठीक से रखरखाव न देने एवं मिसयूज करने से अगर कोई फाल्ट आता है तो ऐसे में वारंटी प्रदान नहीं होती है।
वारंटी पीरियड में पैनल में नेचुरल टूट-फूट होने पर वारंटी को कवर नहीं किया जाता है।
यदि किसी केमिकल से पैनल खराब हो तो वारंटी काम नहीं करती है, ऐसे ही बिजली, बाढ़ एवं दूसरे प्राकृतिक नुकसान में वारंटी क्लैम नहीं किया जा सकता है।