तुम कितनी रोटी खाओगे ,आपके लिए कितनी रोटी बनाऊ ?ज्यादातर घरो मैं आपको रात के खाने से पहले रोटी से जुड़े ऐसे सवाल सुनने को मिल जाएंगे। रोटियां के को गिनकर बनाने के पीछे सबसे बड़ी वजह है कि इसमें रोटी बर्बाद नहीं होती लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार रोटी को गिनकर नहीं बनानी चाहिए। वास्तु शास्त्र अगर आप रोटी गिनकर बनाते हैं तो आपके घर में आर्थिक तंगी आ सकती है। यहां जानते हैं।
रोटी बनाने से जुड़े नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार , रोटी बनाने से जुड़े नियम माना जाता है की रोटी बनाना सूर्य ,मंगल ,राहु ग्रह और ज्योतिष से संबंधित है । रोटी की गिनती करने से सूर्य और मंगल ग्रह कमजोर हो सकते हैं ,जबकि राहु का नकारात्मक प्रभाव जीवन पर पड़ता है। इन प्रभावों से बचने के लिए रोटियां बनाते समय उनकी गिनती ना करने की सलाह दी जाती है।
रोटी से किचन की दिशा भी जुड़ी होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार ,आपकी रसोई दक्षिण पूर्व यानि की आग्नेय कोण में होनी चाहिए। रोटी बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। वही कोशिश करें किआप कभी भी दक्षिण दिशा में गैस या चूल्हा न रखें,। इस दिशा में मुंह करके रोटी बनाना शुभ नहीं माना जाता है।
इन दिनों में रोटी ना बनाएं
एकादशी पर चावल खाने को वर्जित माना गया है वही शरद पूर्णिमा ,शीतला अष्टमी, नाग पंचमी और किसी की मृत्यु पर घर में रोटी नहीं बनाई जाती है। इस अशुभ माना जाता है। किसी मृत्यु घर में के बाद घर में रोटी बनाई जाती है तो इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचता है साथ ही मरने वाले की आत्मा को शांति नहीं मिलतीहै।