निर्जला एकादशी को सभी एकादशी में सबसे कठिन व्रत माना गया है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार एकादशी की तिथि 18 जून है और इस दिन बेहद शुभ योग बन रहे है। मान्यता है कि इन दिन शुभ योग में निर्जला एकादशी का व्रत करना और शुभ फलदायी माना गया है। व्रत रखने वाले व्यक्ति और उसकी परिवार को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। और व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
भीषण गर्मी में यह व्रत बिना पानी के रखा जाता है
भीषण गर्मी में यह व्रत बिना पानी के रखा जाता है। इसलिए सभी एकादशी में सबसे कठिन व्रत माना जाता है। मान्यता है कि पांडवों में भीम ने इस व्रत को रखकर अपने कठिन तपस्या पूर्ण की। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। आपको बताते है इस व्रत की सही डेट और पारण का समय शादी। जाने इस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं।
एकादशी की तिथि 17 जून को सुबह 4:30 पर शुरू हो रही है
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि 17 जून को सुबह 4:30 पर शुरू हो रही है।ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर 18 जून सुबह 7:28 पर समाप्त हो जाएगी। निर्जला एकादशी के व्रत का पॉर्न 19 जून को सुबह 5:24 से सुबह 7:28 के बीच कर सकते हैं । एक साथ तीन शुभ योग बने हैं। पूरे दिन रात को 9:39 तक शिवयोग बना है उसके साथ सिद्ध योग बना है। सिद्धि योग में व्रत करना आपके धन में वृद्धि करवाने वाला माना गया।
अगले दिन सुबह 5:24 मिनट तक त्रिपुष्कर योग बन रहा है
इसके अलावा दोपहर में 3:56 से लेकर अगले दिन सुबह 5:24 मिनट तक त्रिपुष्कर योग बन रहा है। इन सब योग में निर्जला एकादशी का व्रत करने से आपको परम पुण्य फल की प्राप्ति होती है जो लोग धन की कमी से जूझ रहे हैं। उनके लिए निर्जला एकादशी का व्रत बहुत हीलाभदाई है।