शुगर यानी डायबिटीज से बहुत से लोग परेशान रहते है इसकी वजह से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी गड़बड़ हो जाती है। खास करके इनका खान पान सबसे अधिक प्रभावित होता है। वैसे तो डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है लेकिन लोग अपनी लाइफ स्टाइल को चेंज कर दवाइयां की मदद से लेकर और खानपान में बदलाव कर इसे मैनेज करते हैं। इसे निपटने के कई घरेलू उपाय भी प्रचलित है। आप भी इंटरनेट पर डायबिटीज के कई घरेलू उपाय देखे होंगे।
बासी रोटी दिखाएगी कमाल
लेकिन आज हम आपको सबसे अनोखा और कारगर उपाय बताने जा रहे है इस उपाय के तहत बासी रोटी खानी होगी। रोटी हम सभी रोज जरूर खाते हैं। वही डायबिटीज के मरीजों को अक्सर रोटी से परहेज करने की सलाह दी जाती है। लेकिन यदि आप बासी रोटी खाएं तो नुकसान पहुंचाने की बजाय यह हेल्प कर सकती है। आपको 12 से 15 घंटे पुरानीबासी रोटी खानी है। यह रोटी आपको सुबह-सुबह कुछ खास चीजों के साथ खानी है तो आपको डायबिटीज का लेवल ज्यादा नहीं बढ़ेगा ।
ऐसे खाने से कंट्रोल होगी शुगर
दरअसल यदि आप बासी रोटी को दूध या सब्जी के साथ खाते हैं तो आपका डायबिटीज का लेवल ज्यादा नहीं बढ़ेगा। इस दौरान ध्यान देने वाली बात यह है कि दूध नॉर्मल रूप से तापमान वाला ठंडा होना चाहिए। इसके अलावा दूध की मलाई निकाल देनी चाहिए। दूध में आप बासी रोटी को मसल कर डाल दे फिर 15 से 20 मिनट तक रख दे। इसके बाद खाली। आपको अपना शुगर लेवल कम करने में काफी मदद मिलेगी।
BP कंट्रोल
बासी रोटी का यह उपाय सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल में नहीं रखता है बल्कि ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम को भी हेल्प करता है या नीचे यानि बीपी भी कंट्रोल में रहती है। इसे कहते हैं एक पंत दो काज तो देर किस बात की दोस्तों आज से ही बासी रोटी के साथ ठंडा दूध सब्जी खाना शुरू करते हैं वही ताजी रोटी खानी हो तो गेहूं की बजाय ज्वर , बाजरा , मक्का ,रागी और चने के आटे से बनी रोटी खाएं इससे ज्वार की रोटी खाना सबसे फायदेमंद माना जाता है ।
इस वजह से बासी रोटी-दूध करता है फायदा
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर एक बासी रोटी कैसे आपकी शुगर की प्रॉब्लम खत्म कर देगी? तो चलिए इसके पीछे की साइंस जान लेते हैं। दरअसल 12 घंटे तक हवा के संपर्क में आने के बाद रोटी की बनावट, स्वाद और स्टार्च की संरचना में बदलाव आ जाता है। इसमें मौजूद स्टार्च रेसिस्टेंट फाइबर का रूप ले लेता है। यह चीज जल्दी से ग्लूकोज में नहीं बदलती है। रातभर में रोटी का स्टार्च रेसिस्टेंट इतना बढ़ जाता है कि इससे डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिलती है।