स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर संशोधित मास्टर सर्कुलर के अनुपालन के लिए जनरल इंश्योरेंस कंपनियों ने नियामक से दिसंबर 2024 तक मोहलत की मांग करी है।
भारतीय जीवन बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने जून में ‘स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर मास्टर सर्कुलर’ जारी किया था। इसमें जनरल व स्वास्थ्य बीमा करने वाली कंपनियों को निर्देश दिए गए थे कि वे ग्राहकों के लिए व्यापक पॉलिसियां तैयार करें, जिसमें सभी तरह की मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियां व पहले से मौजूद बीमारियां व गंभीर स्थिति को भी शामिल किया जाए।
नियामक ने बीमा कंपनियों से ग्राहकों को ग्राहक सूचना पत्र (सीआईएस) उपलब्ध कराने के लिए भी कहा था। यह ऐसा दस्तावेज होता है जो पॉलिसीधारक के लिए पॉलिसी ब्योरों को स्पष्ट और सरल करेगा। ये मानक 1 अक्टूबर 2024 से लागू किए जाने को प्रस्तावित हैं।
अभी के लिए इसकी अंतिम तिथि को बढ़ाकर दिसंबर 2024 तक करने की मांग की जा रही है, जिससे सीआईएस से संबंधित मानकों का अनुपालन किया जा सके। बीमा कंपनियों ने ग्रामीण इलाकों में कारोबार मजबूत करने के लिए संबंधित प्राधिकारियों को पत्र जारी करने को लेकर भी मदद मांगी है, जिससे इन क्षेत्रों में उनके अनिवार्य कारोबार का काम पूरा किया जा सके।
उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘उद्योग ने नए सर्कुलर के मुताबिक पॉलिसियों में बदलाव के लिए और वक्त दिए जाने का अनुरोध किया है, क्योंकि इसके लिए आईटी सिस्टम में आवश्यक बदलाव किए जाने की जरूरत होगी।’
‘2047 तक सबके लिए बीमा’ के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आईआरडीएआई ने कंपनियों से कहा है कि वे चुनिंदा ग्राम पंचायतों में अपने कारोबार के एक निश्चित प्रतिशत का निर्धारण करें, जिससे उनकी ग्रामीण, सामाजिक क्षेत्र व मोटर थर्ड पार्टी की बाध्यताएं पूरी की जा सकें, जैसा कि जून के मास्टर सर्कुलर में कहा गया है।
जनरल और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों ने इन ग्राम पंचायतों से जरूरी संबंधित आंकड़े प्राप्त करने के लिए स्थानीय प्राधिकारियों और राज्य सरकार को पत्र जारी करने में आईआरडीएआई से मदद का मांगी है।