अब पिता के जिन्दा रहते बेटा नहीं कर सकता ये काम ,55 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने बदला ये नियम

Saroj Kanwar
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सुप्रीम कोर्ट के द्वारा प्राथमिक संपत्ति को लेकर एक बड़ी खबर सुनाई जा रही है जिसके तहत यह जानकारी सुचारु रूप se जाहिर की जा सकती है की यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार का कर्ज चुकाना होता है तो अपने पिता की संपत्ति को बेच कर चुकाया करता है। लेकिन इस नियम को संपूर्ण तरीके से सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदल दिया गया। इसके बारे में संपूर्ण जानकारी हम आपको देते हैं।

55 साल बाद इस मामले का आधिकारिक रूप से बदला जा रहा है

देखा जा रहा है की 55 साल बाद इस मामले का आधिकारिक रूप से बदला जा रहा है। जानकारी प्रस्तुत की जा रही है की कोर्ट द्वारा यदि पिता पुत्र के बीच किसी प्रकार की अनावश्यक लड़ाई होती है तो ऐसे में यदि बेटे द्वारा पिता की संपत्ति को बेच दी जाती थी। जबकि इसके इसके नए नियम को लागू किया गया है जो काफी गैर कानूनी तौर पर बताई जा रही है ।

पैतृक संपत्ति तो प्रावधान सबसे ज्यादा पिता का होता है

बताया जा रहा है कि पैतृक संपत्ति तो प्रावधान सबसे ज्यादा पिता का होता है उसके बाद ही उसका हक बेटे पर देखने को मिलता है। लेकिन जब उसके पिता का अधिकार किसी भी जमीन से ना निकले तब तक बेटे का अधिकार उसे जमीन पर किसी भी प्रकार का नहीं देखने का मिलता है। ऐसे में पैतृक संपत्ति को बेटे द्वारा किसी भी हालत में नहीं बेचा जा सकता।

पिता के बिना कहे बेटे या पोते द्वारा जमीन की बिक्री की जाती है

पिता के बिना कहे बेटे या पोते द्वारा जमीन की बिक्री की जाती है तो ऐसे में उसके खिलाफ केस एवं मुकदमा पिता के द्वारा किया जा सकता है। ऐसे बेटा में पोता जेल जाने के साथ और मन भी दे सकते हैं जुर्माना भी देना पड़ सकता है। ऐसे में आप सभी से निवेदन है कि यदि आपके पास ही पैतृक संपत्ति है तो आप अपने पिता एवं दादा से राय लेकर उसे जमीन की खरीद बिक्री करता है कि आपको भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी देखने को ना मिले।

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