राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री मंगल पशु बीमा योजना की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 कर दी गई है। इस योजना के तहत राज्य में 21 लाख पशुओ का बीमा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि 22 जनवरी 2025 तक सिर्फ 6 पॉइंट 53 लाख यानी की 31 पॉइंट 10% पशुओ ही बीमा हो चुका है। लक्ष्य को पूरा ना होते देखापशुपालन विभाग ने समय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में मंगला पशु बीमा योजना के तहत सबसे अच्छा प्रदर्शन बांसवाड़ा जिले का रहा है जहां 92 पॉइंट 45% पशुओं का बीमा हो चुका है । इसके विपरीत जैसलमेर जिला सबसे पीछे रहा जहाँ केवल 9 पॉइंट 21% पशुओं का बीमा हो पाया है। यह आंकड़ा राज्य में योजना की प्रभावी क्रियान्वयन की स्थिति को दर्शाता है।
सीमित बीमा कवरेज
योजना के तहत केवल दो गाय या भैंस और 10 बकरियां 10 भेड़े एक ऊंट का बीमा किया जा सकता है जिन पशुपालको को पास इससे अधिक संख्या में पशु है वह इस सीमा के कारण संतुष्ट नहीं है। उनकी मांग है कि सभी पशुओं का बीमा किया जाए।
प्रचार प्रसार की कमी
पशुपालन विभाग द्वारा योजना का पर्याप्त प्रचार प्रसार नहीं किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में योजना की जानकारी लोगों तक पहुंचने में कमी रही है। इसका रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों पर साफ़ दिखाई देता है।
तकनीकी समस्या और जमीनी चुनौतियां
बीमा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में तकनीकी समस्याएं भी बाधा बन रही है। ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया में शामिल होने की कमी के कारण कई पशुपालक समय पर अपने पशुओं का बीमा नहीं कर पाए हैं ।
प्राकृतिक और आकस्मिक मृत्यु पर बीमा कवरेज
मंगला बिमा पशु बीमा योजना के तहत दुधारू पशुओं की प्राकृतिक या आकस्मिक मौत होने पर बीमा का प्रावधान है। इसमें आग , सड़क दुर्घटना , बिजली गिरने , जहरीले घास का सेवन ,कीड़े से कटने या बिमारी जैसे कारण शामिल है।
बीमा राशि
गाय, भैंस, ऊंट जैसे बड़े पशुओं पर 40,000 रुपये का बीमा कवर मिलता है. वहीं, भेड़ और बकरियों पर 4,000 रुपये तक की बीमा राशि मिलती है. यह राशि पशुपालकों को आर्थिक संकट से बचाने में मदद करती है।