इन तीन पत्तो को आयुर्वेद में मानते है रामबाण ओषधि , सेवन करने से इन बीमारियों का खत्म HOTA है जड़ से

Saroj Kanwar
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डायबिटीज – हाइपरटेंशन की बीमारी में कई लोगों अपनीचपेट में ले रखा है। डायबिटीज और हाइपरटेंशन ऐसी बीमारी है जिनका कोई इलाज नहीं है । इन बीमारियों केवल दवा खाकर कंट्रोल में रखा जा सकता है। आयुर्वेद में भी कुछ ऐसे नुस्खे बताया गया है जिनकी मदद से डायबिटीज और हाइपरटेंशन से राहत पाए जा सकते हैं। आयुर्वेद में कुछ ऐसे पेड़ पौधे की पत्तियों का जिक्र किया गया है जो डायबिटीज और हाइपरटेंशन को नियंत्रण में रखती है। डायबिटीज और हाइपरटेंशन होने पर अगर इन पत्तों का सेवन किया जाए तो दोनों को कंट्रोल में रहते हैं। यहां जानते हैं यह कोनसे पत्ते हैंजिन्हें आयुर्वेद में इतना कारगर माना गया है।

तुलसी के पत्ते

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना जाता है। इस पौधे की पूजा करने से जीवन के कष्टों का अंत होता है। वह आयुर्वेद में तुलसी के पौधों को सेहत के लिए उत्तम माना गया है। कई ऐसी दवाइयां है जिन्हें बनाने में तुलसी के पोधो का प्रयोग किया जाता है। दरअसल तुलसी के अंदर ऐसे कई तत्व पाए जाते हैं जो कि कई रोगो को सही कर देते हैं।
डायबिटीज और हाइपरटेंशन रोगियों के लिए भी तुलसी के पत्ते कारगर माने गए हैं । रोज इसके पत्ते खाने से डायबिटीज और हाइपरटेंशन से राहत मिल जाती है डायबिटीज और हाइपरटेंशन को रोगी सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते का ले या फिर तुलसी का पानी पिले ऐसा करने से डायबिटीज और हाइपरटेंशन कंट्रोल में रहती है।

करी पत्ते

आयुर्वेद में करी पत्ते महत्वपूर्ण माने जाते हैं । इसपत्ते को खाने से कई रोग तुरंत सही हो जाते है। डायबिटीज और हाइपरटेंशन के रोग पत्ते का सेवन करना चाहिए। रोजाना सेवन करने से इंसुलिन का उत्पादन बढ़ जाता है जिससे कि शुगर कंट्रोल में रहती है । इसके अलावा ब्लड में मौजूद शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। करी पत्ते का स्वाद थोड़ा कड़वा होता और आप सब्जी व दाल में डाल सकते हैं या फिर इसका पानी पी पानी पी सकते है।

नीम के पत्ते

आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के दौरान नीम के पत्तों का प्रयोग खूब किया जाता है। नीम के पत्तों का सेवन से खून शुद्ध होता है औरकील मुहांसों की समस्या भी नहीं होती। इसके अलावा डायबिटीज जैसी बीमारी को भी नियंत्रित किया जाता है। मधुमेह से ग्रस्त लोग अगर इसका सेवन करते हैं। तो ब्लड में मौजूद शुगर लेवल कम होने लगता है। हालाँकि इस बात को ध्यान रखें की अगर इसके अधिक सेवन किया जाए तो शुगर लेवल भी काम हो सकता है इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें।

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