अब यूपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिल रहे औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल होने वाले 23 लाख कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा फिक्स्ड पेंशन के रूप में दिए जाने को मंजूरी दे दी है।
सरकारी कर्मचारियों की काफी समय से चल रही मांगों को पूरा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एकीकृत पेंशन योजना को मंजूरी दी गई, जिसमें फिक्स्ड पेंशन का प्रावधान किया गया है।इस बदलाव के तहत सरकारी कर्मचारी को अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा।
पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए कम से कम 25 वर्ष की सेवा अवधि पूरी होनी चाहिए। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहाबताया कि न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी।इस नयी पेंशन योजना में न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी भी देती है। उन्होंने कहा कि इस वैकल्पिक योजना से केन्द्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा अगर राज्य सरकारें इस योजना में शामिल होना चाहें तो कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 90 लाख हो जाएगी। वैष्णव ने यूपीएस की अन्य विशेषताओं की घोषणा करते हुए कहा कि मृतक कर्मचारी के जीवनसाथी को एक सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन दी जाएगी।
कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त रकम भी ले सकते है। इन सभी विशेषताओं को शामिल किया जाना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में परिवर्तन का प्रतीक है, जिसमें कर्मचारियों और सरकार द्वारा किए गए योगदान के आधार पर पेंशन देने का प्रावधान है।