शराब की खाद से झूमी फसल, हो सकती है दोगुनी पैदावार, जानिए क्या कहते है कृषि वैज्ञानिक

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इंसान को शराब पीते तो अपने देखा ही होगा मगर अब फसलों को भी शराब पीते सुनने को मिलेगा। जी हां ऐसा ही एक वाकया सामने आया है मध्यपरदेश और उत्तरप्रेदश में . मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के भी कुछ किसानों ने अपने पौधों में खाद के रूप में शराब का इस्तेमाल किया है। अगर आप इससे अचंभित हो रहे हैं तो बता दे कि उन्हें इससे फायदे भी मिला है। कृषि विशेषज्ञ ने भी कुछ चौकाने वाली बात बताई है। जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए लेकिन इससे पहले हम यह जान लेते हैं कि किन फसलों में शराब की खाद का इस्तेमाल किया गया है और इससे उन्हें क्या फायदा हुआ है।

किसानों को शराबकी खाद के इस्तेमाल से क्या फायदे हुए ?

किसान पौधों में शराब का छिड़काव खाद के तोर पर कर रहे हैं। जिससे उन्हें फायदा मिला है। दरअसल मध्य प्रदेश के कई किसान ने पिछली मूंग की खेती में शराब का छिड़काव किया, जिसके बाद उन्हें अधिक उत्पादन मिला। उन्होंने बताया कि उनका उत्पादन दोगुना हो गया है। और शराब का छिड़काव करने में भी उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं होती।
कोई अन्य कीटनाशक छिड़कते समय उन्हें सावधानी रखनी पड़ती हैं नहीं तो उनकी तबीयत खराब हो जाती है जैसे की एलर्जी होना आँख नाक में जलन होना आदि । लेकिन शराब डालने से खेत के कीड़े-मकोड़े तो मरते ही हैं साथ ही किसानो को भी कोई नुकसान नहीं होता । फसलों को नशा होता है और वह ज्यादा पैदावार देती हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी आलू की फसल में इसका छिड़काव किया और उन्होंने बताया कि इससे उन्हें फायदा होगा।

कृषि विशेषज्ञ ने शराब डालने से करते है मना

जब कृषि विशेषज्ञ से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया की फसल में शराब डालने से किसानों को किसी तरह का कोई फायदा नहीं मिलेगा। लेकिन अगर कीटनाशक के साथ वह छिड़काव करते हैं तो इससे केमिकल रिएक्शन भी हो सकता है। यानी कि नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि किसान फसलों में शराब का छिकाव ना करे। इससे उन्हें फायदे तो नहीं होंगे, हो सकता है नुकसान उठाने पड़ जाए। उन्होंने बताया की ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल में किसान शराब ना डालें यह किसी तरह से फायदेमंद नहीं है।

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