अपना घर बनाने का सपना हर किसी का होता है चाहे वो शहर में हो या घर में . लेकिन अब शहरी क्षेत्र में लोगों के घर का सपना पूरा करने में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) सहायता करेगी। पीएमएवाई-यू 2.0 योजना को अब सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सरकार मदद देगी। आइए जानते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से कितने रुपये की मदद दी जा रही है।
4 तरीके से मदद
केंद्र सरकार की ओर से मदद चार तरीके से मिलने वाली हैं। ये तरीके लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी), भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी), किफायती किराये के आवास (एआरएच) और ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) हैं।
3 कैटेगरी के लिए मदद
घर निर्माण की लागत मंत्रालय, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश/यूएलबी और पात्र लाभार्थियों के बीच बीएलसी, एएचपी और एआरएच के तहत साझा की जाएगी। एएचपी/बीएलसी के तहत कुछ शर्तों के साथ सरकारी सहायता ₹2.50 लाख प्रति वर्ग मिलेगी।
किस राज्य के लिए कितनी मदद
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्य, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केन्द्र शासित प्रदेश (यूटी) जम्मू-कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली के बीएलसी एवं एएचपी वर्ग के लिए केंद्र सरकार 2.25 लाख रुपये प्रति आवास मदद दे सकती है। वहीं, राज्य सरकार न्यूनतम 0.25 लाख रुपये प्रति आवास का सहयोग करेगी। अन्य सभी केंद्र शासित प्रदेश के लिए केंद्र सरकार 2.50 लाख रुपये प्रति आवास का सहयोग करेगी। इसके अलावा अन्य राज्य के लिए केंद्र सरकार 1.50 लाख रुपये प्रति आवास और राज्य सरकार न्यूनतम 1.00 लाख रुपये प्रति आवास का सहयोग करेगी।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी योजनाओ में सबसे बड़ी किफायती आवास परियोजनाओं है। 2015 में शुरू की गई इस योजना से देशभर में करोड़ों परिवारों को फायदा मिला। योजना के तहत 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं और बाकी आवास निर्माणाधीन हैं ।