1 मार्च से बदल रहे है के ये नियम ,यहां जाने इन नियमो को

Saroj Kanwar
3 Min Read

प्रॉपर्टी खरीदना हमारे जीवन की सबसे बड़े अहम फेसलो में एक होता है। लेकिन क्या आप जानते है की एक मार्च 2025 प्रॉफिट रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है। इन नियमो का उद्देश्य प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी सुरक्षित और डिजिटल बनाना है ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके और आपका समय बचे।

इस लेख में हम आपको नियमों की पूरी जानकारी देंगे जिससे आप समझ सके यह बदलाव आपकी प्रॉपर्टी खरीद प्रक्रिया को कैसे प्रभावित करेंगे।

डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से ऑनलाइन हो गया है। आपको सरकारी पोर्टल पर सभी दस्तावेज अपलोड करने होंगे जिससे रजिस्टार ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिजिटल सिग्नेचर और सर्टिफिकेट तुरंत प्राप्त होंगे जिससे प्रक्रिया तेज औरपारदर्शी हो गई है।

आधार कार्ड से लिंकिंग

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा और संपत्ति का रिकॉर्ड आधार से जुड़ने पर भेजने में संपत्तियों का पता लगाना आसान होगा।

वीडियो रिकॉर्डिंग की अनिवार्यता

अब वीडियो रिकॉर्डिंग रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जरूरी हो गयी है। इससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और किसी विवाद की स्थिति में वीडियो सपोर्ट के रूप में काम आएगा।

इ -स्टांपिंग

पुराणी स्टांप पेपर की प्रक्रिया खत्म कर दिया गया है अब ई-स्टांपिंग के माध्य म से स्टाम्प शुल्क का भुगतान होगा। जिससे नकली स्टाम्प पेपर की समस्या समाप्त हो जाएगीऔर प्रक्रिया तेज और सुरक्षित होगी।

फर्जी दस्तावेजों पर रोक

यदि किसी संपत्ति की रजिस्ट्री फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की जाती है तो उसे तुरंत रद्द किया जायेगा। यह कदम असली मालिकों को सुरक्षा प्रदान करता है और धोखाधड़ी को रोकने में मदद करता है।

विवादित संपत्तियों की रजिस्ट्री पर रोक

अब विवादित संपत्तियों की रजिस्ट्री नहीं होगी। जब तक की विवाद सुलझ न जाये। इससे खरीदारों के भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचाया जा सकेगा और वह सुरक्षित निवेश कर सकेंगे।

आवश्यक दस्तावेजों की सूची
नए नियमों के तहत, निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

मालिकाना प्रमाण पत्र: संपत्ति का कानूनी स्वामित्व दिखाने वाला दस्तावेज।
खरीद समझौता: खरीदार और विक्रेता के बीच का अनुबंध।
टैक्स रसीदें: संपत्ति कर भुगतान का प्रमाण।
पहचान पत्र: आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी या पासपोर्ट।

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