जिले में यूरिया की किल्लत, किसानों को घंटों लाइन में लगकर लेना पड़ रहा टोकन

Saroj Kanwar
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Damoh News: दमोह जिले में इस समय यूरिया खाद की भारी कमी है। जिले की 16 हजार मीट्रिक टन जरूरत के मुकाबले 12 अगस्त तक केवल 2026 मीट्रिक टन ही उपलब्ध था। इसमें दमोह में 361, पथरिया में 252, हटा में 236, जबेरा में 482 और तेंदूखेड़ा में 695 मीट्रिक टन स्टॉक था। मांग और आपूर्ति में इस बड़े अंतर के कारण किसानों को घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है।

मंगलवार को तीनगुल्ली के पास स्थित गोदाम में सुबह से ही किसानों की लंबी कतार लग गई। पहले टोकन नंबर बांटे गए, उसके बाद ही खाद वितरण किया गया। भीड़ बढ़ने पर पुलिस को आकर स्थिति संभालनी पड़ी। करीब 2000 किसान पहुंचे, लेकिन केवल 900 को ही टोकन मिल सके। बाकी किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा। टोकन मिलने पर भी कई को उसी दिन खाद नहीं मिला और उन्हें 2-3 दिन बाद आने को कहा गया।

किसानों का कहना है कि एक बही पर सिर्फ दो बोरी यूरिया मिल रहा है, चाहे खेत कितने भी बड़े हों। दोबारा खाद लेने के लिए 15 दिन इंतजार करना पड़ता है। इससे पूरी फसल में समय पर खाद डालना मुश्किल हो रहा है।

कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि यूरिया की तय कीमत 266.50 रुपए प्रति बोरी है, लेकिन दो बोरी के लिए 540 रुपए वसूले जा रहे हैं। पल्लेदारी के नाम पर भी अतिरिक्त पैसे लिए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि कीमत वही ली जा रही है जो तय है, हो सकता है फुटकर पैसे के कारण थोड़ा अंतर आ रहा हो। पल्लेदार का शुल्क भी तय है।

गोदाम के बाहर कीचड़ और बारिश से किसानों को परेशानी हो रही है। बैठने और छांव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, जिससे उमस और गर्मी में इंतजार करना कठिन हो रहा है। प्रशासन का कहना है कि टोकन प्रणाली लागू है ताकि सभी किसानों को खाद का बराबर वितरण हो सके।

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