केरबना-बटियागढ़ मार्ग की हालत खस्ताहाल, 20 साल से नई सड़क नहीं बनी

Saroj Kanwar
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Tikamgarh News: केरबना से बटियागढ़ तक का प्रमुख मार्ग बीते 20 वर्षों से जर्जर हालत में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस दौरान एक भी बार नई सड़क का निर्माण नहीं हुआ। केवल मंत्री या अधिकारियों के दौरे पर दिखावटी पेंचवर्क होता है, जो कुछ ही महीनों में उखड़ जाता है। अब हालत इतनी खराब है कि लोग मजाक में कहते हैं सड़क गड्ढों में है या गड्ढे सड़क में।

यह मार्ग पथरिया विधानसभा का अहम कनेक्शन है, जहां से नागपुर, प्रयागराज, छतरपुर, कटनी और गुनौर के लिए स्लीपर बसें रोजाना चलती हैं। खराब सड़क के कारण यात्रियों और खासतौर पर इलाज के लिए बाहर जाने वाले मरीजों को दिक्कत हो रही है। बाजार, अस्पताल, स्कूल-कॉलेज जाने वाले लोगों को भी रोजाना जोखिम उठाना पड़ता है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि केरबना गांव में प्रवेश करते ही पता चल जाता है कि पथरिया क्षेत्र शुरू हो गया है— गड्ढों से भरी सड़क इसका सबूत है। वाहन मालिकों को अतिरिक्त मरम्मत खर्च उठाना पड़ रहा है। लोग चेतावनी दे रहे हैं कि यदि जल्द सड़क निर्माण नहीं हुआ तो वे आंदोलन करेंगे।

लोगों का कहना है कि बरसात में गड्ढों में पानी भरने से फिसलन और हादसों का खतरा बढ़ जाता है। राजेंद्र यादव के अनुसार, इलाज के लिए नागपुर ले जाते समय झटकों से मरीज की हालत बिगड़ जाती है। संतोष यादव ने बताया कि 20 साल से केवल पेंचवर्क हुआ है, वह भी टिकता नहीं।

चतुर पटेल के अनुसार, पानी भरने से फिसलन और दुर्घटनाएं होती हैं। लक्ष्मी पटेल ने कहा कि रोजाना इसी सड़क से गुजरना पड़ता है, जिससे वाहन भी खराब हो जाते हैं। नाथूराम रैकवार का कहना है कि अफसर और मंत्री यहां से गुजरते हैं, फिर भी सुधार नहीं होता। किशोरी रैकवार के अनुसार, अब गांव की पहचान टूटी सड़क और गहरे गड्ढों से हो गई है।

बस चालक जयप्रकाश साहू ने कहा कि यात्री इस मार्ग से जाने से कतराने लगे हैं। पीडब्ल्यूडी के अनिल कुमार अठया ने बताया कि अब यह सड़क एमपीआरडीसी के अधीन है और वही इसकी मरम्मत करेगा।

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