एक्शन मोड में आया Railway, अब ट्रेन में ये काम करने पर तुरंत लग जाएगी हथकड़ी, बचने की नहीं है गुंजाइश 

Saroj Kanwar
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Indian Railway rules: हमारे देश में रोजाना लाखों की संख्या में लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं। ट्रेन से यात्रा करना जितना आरामदायक होता है उतना ही कम खर्चीला होता है। रेलवे के द्वारा भी समय-समय पर र्यात्रियों के लिए कई खास नियम बनाए जाते हैं ताकि सफर के दौरान किसी भी तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े। रेलवे ने चेन पुलिंग को लेकर भी सख्त नियम बनाया है।

भारतीय रेलवे ने ट्रेन में बेवजह चेन पुलिंग की घटनाओं पर सख्ती दिखाते हुए अब इसे गंभीर अपराध मानना शुरू कर दिया है। भोपाल रेल मंडल द्वारा जारी किए गए जुलाई महीने के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान 3383 बार चेन पुलिंग की गई, जिसमें 2981 मामलों में यात्रियों पर कार्रवाई की गई। रेलवे ने कई लोगों से भारी जुर्माना वसूला, जबकि कुछ को जेल भेजा गया। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि चेन पुलिंग की घटना को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चेन पुलिंग का दुरुपयोग 


भारतीय रेलवे ने चेन पुलिंग की सुविधा यात्रियों की सुरक्षा और इमरजेंसी स्थितियों के लिए दी है। लेकिन कई लोग इसका उपयोग मस्ती-मजाक या व्यक्तिगत लाभ के लिए करते हैं। जैसे ट्रेन छूट जाना, गलत कोच में बैठ जाना, सामान या परिजन को ट्रेन से उतारने में असमर्थ होना जैसी वजहों से लोग चेन पुलिंग करते हैं। इन मामलों के बढ़ने से यात्रियों की सुरक्षा पर असर पड़ता है और रेल परिचालन में देरी होती है।

भोपाल रेल मंडल ने कसा शिकंजा


भोपाल रेल मंडल ने चेन पुलिंग की बढ़ती घटनाओं पर सख्त कार्रवाई शुरू की है। रानी कमलापति, भोपाल, इटारसी, विदिशा, बीना और गुना जैसे स्टेशनों पर चेन पुलिंग की घटनाएं अधिक देखी गई हैं। इसी को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने इन स्टेशनों पर चेकिंग अभियान तेज कर दिया है।

यात्रियों को दी जा रही जानकारी


आरपीएफ ने यात्रियों को चेन पुलिंग के सही उपयोग और इसके दुरुपयोग से होने वाले परिणामों के बारे में जागरूक करने का अभियान भी शुरू किया है। यात्रियों को बताया जा रहा है कि चेन पुलिंग केवल आपातकालीन परिस्थितियों में ही की जानी चाहिए।

कानूनी कार्रवाई
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति चेन पुलिंग का दुरुपयोग करता है, तो उसे न केवल भारी जुर्माना भरना होगा, बल्कि उसे जेल भी भेजा जा सकता है। इस सख्ती का उद्देश्य यात्रियों को अनुशासन में रखना और ट्रेन परिचालन को सुचारु बनाना है।

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