Property Rule : इस प्रॉपर्टी से मां-बाप नहीं कर सकते बच्चों को बेदखल, जाने नियम

Saroj Kanwar
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अगर आपकी संतान नालायक है तो आप एसडीएम के पास जाकर उसे प्रॉपर्टी से बेदखल करने के लिए अर्जी दायर कर सकते हैं। आप अपने कमाई प्रॉपर्टी से आसानी बहुत आसानी से संतान को बेदखल कर सकते है। नालायक से यहां मतलब है कि 18 साल की आयु के बाद आपकी संतान आपके साथ औरआपके सहारे पर रहती है। इसके साथ में आपको तंग करती है आपको यातना देती है और आपकी नजर में वह किसी काम की नहीं है। ऐसे में अपने संतान को नालायक कहकर कुछ कागजी कार्रवाइयों के बाद उसे प्रॉपर्टी से बेदखल कर सकते हैं। लेकिन ऐसा केवल खुद आप खुद से कमाई भी प्रॉपर्टी कर सकते हैं।

आप अपने पिता या दादा की कोई भी प्रॉपर्टी छोड़ कर गए हो तो उससे आपको संतान को बेदखल नहीं कर सकते भले ही वह कितना ही बड़ा नालायक ही क्यों ना हो। पैतृक प्रॉपर्टी में आपकी संतान का अधिकारी भी घर के बाकी लोगों की तरह ही होगा। पैतृक प्रॉपर्टी से जुड़ा कानून कहता है की माता-पिता अपने बच्चों को पैतृक प्रॉपर्टी से की वसीयत से बाहर नहीं कर सकते ।
अगर माता-पिता ऐसा करते हैं तो बच्चों के पास कोर्ट जाने का अधिकार है ऐसा अधिकांश मामलों में कोर्ट बच्चों की पक्ष लेता है।

पैतृक प्रॉपर्टी

पैतृक प्रॉपर्टी (Property) का मतलब दादा-परदादा से विरासत में मिली प्रॉपर्टी (Property) होती है। पैतृक प्रॉपर्टी (Property) हमेशा पिता के परिवार की ओर से आई प्रॉपर्टी (Property) को ही कहा जाता है। यह प्रॉपर्टी कम-से-कम 4 पीढ़ियों से चलती आ रही हो। कानूनी प्रावधानों के अनुसार, बेटे और बेटी दोनों को पैतृक प्रॉपर्टी (Property) पर समान अधिकार है।

एक बात यहां ध्यान देने वाली है कि अगर चार पीढ़ियों से चली आ रही प्रॉपर्टी (Property) में कहीं भी बंटवारा हुआ तो उससे पैतृक प्रॉपर्टी (Property) का दर्जा हट जाएगा और वह फिर स्व-अर्जित प्रॉपर्टी (Property) हो जाएगी। इस स्थिति में माता-पिता अपने बच्चों को बेदखल कर सकते हैं। 1956 का हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, विशेष रूप से धारा 4, 8, और 19, पैतृक प्रॉपर्टी (Property) से संबंधित मामलों को नियंत्रित करता है।

बदलाव

बदलाव अपने तरफ प्रॉपर्टी के हिस्से में हर पीढ़ी के साथ बदलाव होता चला आया है जैसे-जैसे परिवार बढ़ता है वैसे-वैसे हिस्सेदारी घटती जाती है ,अगर परिवार के किसी की केवल एक ही संतान है या तो उसका पूरा हिस्सा संतान के हक हो जाएगा वहीँ अगर किसी दूसरे सदस्य की 2 या 3 संतान है तो उनका उनका हिस्सा लोगो के समान में समान रूप से बंट जाएगा। इस तरह किसी के पास ज्यादा हिस्सा और किसी के पास कम हिस्सा है।

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