पीएम-कुसुम योजना- सरकार फिर बढ़ा सकती है समयसीमा, दिए गए नए निर्देश

Saroj Kanwar
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पीएम-कुसुम योजना – सरकार पीएम-कुसुम योजना की समय सीमा को फिर से बढ़ाने पर विचार कर रही है क्योंकि इसके कई घटक अपने लक्ष्य का आधा भी हासिल नहीं कर पाए हैं। 2019 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा के माध्यम से किसानों को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है, लेकिन इसके कई लक्ष्य अभी भी अधूरे हैं।

पीएम-कुसुम योजना के तीन मुख्य घटक हैं: घटक क, जिसमें छोटे सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना शामिल है, घटक ख, जिसमें ऑफ-ग्रिड सौर कृषि पंप स्थापित करना शामिल है, और घटक ग, जिसमें ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ना शामिल है। सितंबर 2025 तक, घटक ख ने अपने लक्ष्य का 71 प्रतिशत हासिल कर लिया है, लेकिन घटक क केवल 6.5 प्रतिशत की प्रगति कर पाया है। कुछ राज्यों ने अभी तक कोई भी स्थापना पूरी नहीं की है, जिससे राज्य स्तर पर प्रगति असमान है।
कोविड-19 महामारी के कारण योजना की प्रगति धीमी हो गई है, जिसके कारण इसे मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। सरकार अब सभी लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए एक और विस्तार पर विचार कर रही है। इस विस्तार ने योजना के लक्ष्यों को भी बढ़ा दिया है। हालाँकि, योजना के किसी भी घटक ने अभी तक अपने लक्ष्यों को 100% हासिल नहीं किया है।

इस योजना के तहत, किसानों को सौर ऊर्जा का उपयोग करके सिंचाई के लिए स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे बिजली और डीजल पर उनकी निर्भरता कम होगी। सरकार की यह पहल किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी करेगी। समय सीमा बढ़ाने से योजना के कार्यान्वयन में शामिल सभी हितधारकों को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने हेतु अतिरिक्त समय मिलेगा।

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में धीमी प्रगति को देखते हुए, यह कदम योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिससे किसानों को बेहतर सुविधाएँ और ऊर्जा-कुशल खेती के अवसर मिलेंगे। यह सरकारी पहल किसानों को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा और देश को ऊर्जा संकट से उबरने में मदद करेगा।

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