मध्य प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों का वेतन भत्तों में वृद्धि के लिए आदि में कई दिक्क्ते आ रही है। कर्मचारियों अधिकारियों के रिटायर होने पर पेंशन पेमेंट ऑर्डर में भी खास विलंब हो रहा है। राज्य के कोष एवं लेखा विभाग कीके आयुक्त और पेंशन संचालनालय का कहना है कि कर्मचारियों, अधिकारियों का डाटा अपडेट नहीं होने से ये दिक्कतें आ रहीं हैं । इन अड़चनों को दूर करने के लिए कर्मचारियों अधिकारियों का डाटा अपडेट करना होगा।
कोष एवं लेखा विभाग के आयुक्त और पेंशन संचालनालय को ये अपडेट डाटा भेजने होंगी
प्रदेशभर के विभाग अध्यक्षों को निर्देश भेज कर अपडेट के लिए बुलाया गया है। मध्य प्रदेश में सभी सरकारी विभागों से अपने कर्मचारियों अधिकारियों की जन्म तिथि ,आधार नंबर ,विभाग में नियुक्ति की तारीख , बैंक खाता ,नंबर अपडेट करके मेंटेन करने को कहा गया है।कोष एवं लेखा विभाग के आयुक्त और पेंशन संचालनालय को ये अपडेट डाटा भेजने होंगी
प्रदेशभर के कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन भत्तों, महंगाई भत्तों, वेतन वृद्धि, पेंशन प्रकरणों में आ रहीं अड़चनों को दूर करने के लिए यह कवायद की जा रही है। प्रदेश के कोष एवं लेखा आयोग ने संबंध में राज्य भर के विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। आयुक्त का कहना है कि आईएफएमआईसी पोर्टल पर सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाना है। इसके लिए कर्मचारियों की अपडेट डाटा की जानकारी जरूरी है।
क्या होगा लाभ
वेतन भत्तों की कमी-बेशी की दिक्कत दूर होगी।
महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि में जब तब आती समस्या भी खत्म होगी।
अधिकारियों, कर्मचारियों के रिटायर होने पर पेंशन पेमेंट आर्डर बनने में विलंब नहीं होगा।
गौरतलब है की कोष एवं लेखा विभाग से पहले सर्विस रिकॉर्ड के संबंध में निर्देश जारी कर चुका है। विभाग का कहना है कि सर्विस रिकॉर्ड संधारित करने की जिम्मेदारी संबंधित कार्यालय प्रमुख की है। आप सभी को बता दें कि प्रदेश के कर्मचारियों का अधिकारियों का डेटाबेस एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली से तैयार किया जा रहा है। इस सिस्टम में सर्विस रिकॉर्ड के आधार पर डाटा का अपडेशन होता है। इससे पहले दशकों पुरानी पद्धति से संधारित किया जा रहे सर्विस रिकॉर्ड में तमाम गड़बड़ियां होती थीनई तकनीक से कर्मचारियों को आनेवाली बार-बार की समस्याओं से निजात मिल रही है।
नए सिस्टम में कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों में जन्मतिथि, नियुक्ति तिथि, आधार नंबर, खाता नंबर, एम्पलाइज कोड सहित अन्य आवश्यक जानकारी आधुनिक तकनीक से संधारित की जा रही है । यह सिस्टम प्रदेश के 7 लाख से ज्यादा अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए बड़ा सुविधाजनक साबित हो रहा है।