केंद्र सरकार और हरियाणा के सीएम नायब सैनी सिंह सैनी सरकार प्रदेश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। बेहतर प्रवाहन सुविधा प्रदान करने के लिए सड़कों का विस्तार किया जा रहा है। नए हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का उद्घाटनव शिलान्यास तेजी से किया जा रहा है। इस कड़ी में गोरखपुर से पानीपत तक 750 किलोमीटर लंबा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बनाई गई है।
22 जिलों की सड़क कनेक्टिविटी मजबूत होगी
इस एक्सप्रेस से बनने से 22 जिलों की सड़क कनेक्टिविटी मजबूत होगी और यात्रा सुगम व तेज हो जाएगी। इस योजना के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिल्ली की एक आईसीटी फर्म को कंसल्टेंट के रूप में नियुक्त किया है। यह फर्म परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगी और भूमि अधिग्रहण की रूपरेखा भी बनाएगी। एक्सप्रेस वे का प्रारंभिक खाका तैयार होने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। , जिसके तहत निर्माण कार्य के लिए ठेकेदारों का चयन किया जाएगा।
22 जिलों को मिलेगी कनेक्टिविटी
यह एक्सप्रेस वे हरियाणा के पानीपत से शुरू होकर उत्तर प्रदेश की गोरखपुर तक जाएगा। पहले एक्सप्रेस वे सिर्फ गोरखपुर से शामली तक स्थापित है। लेकिन अब इसका विस्तार संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, और शामली तक कर दिया गया है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद गोरखपुर से हरिद्वार तक की यात्रा मात्र 8 घंटे में पूरी किया जा सकेगी जिससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी।
परियोजना के कई चरणों में होगा निर्माण
प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार ,यह परियोजना कई चरणों में पूरी होगी। दिल्ली की आईसीटी फॉर्म लागत का आकलन करने के साथ-साथ निर्माण के लिए ठेकेदारों का चयन भी करेगी। डीपीआर तैयार के होने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। इस परियोजना से न केवल उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यातायात सुगम होगा बल्कि व्यापार और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।