केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के किसानों को घटिया कीटनाशक सप्लाई करने पर कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किए है और कंपनी के नौ डीलरों के लाइसेंस रद्द किए है। मध्यप्रदेश में विदिशा, देवास और धार में सोयाबीन फसल को नुकसान के बाद शिकायत की गई थी। इस पर शिवराज ने जांच के आदेश दिए थे। इसके तहत जांच में 20 में से 6 नमूने घटिया पाए गए, डिफॉल्टर कंपनी एचपीएम केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स (नई दिल्ली) पर तीन एफआइआर दर्जी की गई। विदिशा व देवास के 9 डीलरों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने बताया कि मध्यप्रदेश के विदिशा (ग्रामीण), देवास (कन्नौद) और धार (बदनावर) से सोयाबीन की फन को क्लोरिम्यूरॉन एथिल 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी नामक शाकनाशी से नुकसान होने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इसकी जांच में नमूनों में से 6 नमूने घटिया पाए गए। इसके आधार पर डिफॉल्टर कंपनी मेसर्स एचपीएम केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स, नई दिल्ली के विरुद्ध तीनों जिलों एफआइआर हुई।
विदिशा और देवास जिले के 9 डीलरों के लाइसेंस रद्द किए गए, साथ ही देव में कंपनी के गोदाम का लाइसेंस भी रद्द किया गया। जैव उत्तेजक उत्पाद एक्ट के तहत किसानों के व्यापक हित में यह पंजीकरण 16 जून 2025 के बाद आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय भी लिया है। इसके हिसाब से ही अब उत्पाद बिक्री हो सकेगी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइसीएआर) के महानिदेशक एमएल जाट द्वारा गठित वैज्ञानिकों की आठ सदस्यीय टीम ये रिपोर्ट दी थी।
उच्चस्तरीय कमेटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद अब कंपनी से किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाए जाने को लेकर कोशिश की जा रही है। किसानों की खराब हुई फसल की जांच करने 18 अगस्त को पहुंची वैज्ञानिकों की टीम में आइसीएआ के खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर के निदेशक डॉ. जेएस मिश्रा व आइसीएआर के कृषि तकनीकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के निदेशक डॉ. एसआरके सिंह के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र रायसेन के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. स्वप्रिल दुबे, कृषि विज्ञान केंद्र इंदौर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरुण शुक्ला, राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान इंदौर के वैज्ञानिक डॉ. संजीव कुमार, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल के वैज्ञानिक डॉ. प्रभात त्रिपाठी व डॉ. बीपी मीणा शामिल थे। वैज्ञानिकों की टीम में कृषि विभाग के उप संचालक केएस खपेड़िया भी शामिल रहे।
जांच में भी दवा मिली अमानक
वैज्ञानिकों की जांच रिपोर्ट के साथ ही केंद्रीय प्रयोगशाला फरीदाबाद से एचपीएम केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड की खरपतवारनाशी दवा क्लोरीम्यूरॉन इथॉयल 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी (बायोक्लोर) बैच नंबर केई-04 की भी जांच रिपोर्ट आ गई है। उपसंचालक केएस खपेड़िया ने बताया कि प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट में भी दवा अमानक मिली है।
इसमें क्लोरीम्यूरॉन इथॉयल 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी के बजाए केवल 10 प्रतिशत है। यही वजह है कि फसल को नुकसान हुआ है। यह रिपोर्ट भी उच्चस्तरीय टीम को दी गई है। किसान कॉल सेंटर टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 जारी किया था। जिसके चलते अब तक कॉल सेंटर पर उर्वरक संबंधी 2501, कीटनाशक संबंधी 52 और बीज संबंधी 105 शिकायतें दर्ज हुई है।